पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाला दावा किया कि उनका नाम नई वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि “BLO घर आई थीं, सत्यापन कर गईं, फिर भी मेरा नाम मतदाता सूची से गायब है.”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब उनका नाम ही नहीं है, तो उनकी पत्नी का नाम कैसे होगा. तेजस्वी ने कहा, “अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? वहीं तेजस्वी यादव के आरोपों पर पटना के जिलाधिकारी एस.एन. त्यागराजन ने तत्काल प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है और मीडिया में चल रही बातें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.
DM के मुताबिक, तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है. पहले उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 171 पर था, जिसे अपडेट कर दिया गया है. DM कार्यालय ने बाकायदा उस बूथ लिस्ट की प्रति भी साझा की, जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर और नाम स्पष्ट रूप से दिख रहा है
वहीं जिलाअधिकारी ने आगे कहा कि कोई भ्रम नहीं है… कोई समस्या नहीं है… 2020 के चुनाव के अपने हलफ़नामे में उन्होंने वही EPIC नंबर दिया है जो हम बता रहे हैं, अब अगर वे कोई और EPIC कार्ड दिखा रहे हैं तो उसे देखना होगा… EPIC नंबर वही रहेगा, जो आपके पास पहले था वही है… कुछ दिन पहले हमने सभी राजनीतिक दलों के साथ सूची जारी की थी… पूरी सूची उन्हें दी गई थी, हमारी बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने कहा है कि ऐसी कोई आपत्ति नहीं है…
20 तारीख की बैठक में उन्होंने कुछ मोहल्लों को चिह्नित किया जहां ध्यान देने की ज़रूरत है, हमने उसे भी कवर कितेजस्वी यादव ने सिर्फ अपने नाम की बात नहीं की, बल्कि राज्यभर से 65 लाख नामों के हटाए जाने पर भी चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि “चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि किस विधानसभा से कितने नाम क्यों हटाए गए.”
उन्होंने कहा, “हर विधानसभा से औसतन 20 से 30 हजार नाम हटा दिए गए हैं. आयोग ने यह नहीं बताया कि कौन शिफ्ट हुआ, कौन मृत है और किसका नाम डुप्लीकेट था.” उन्होंने चुनौती दी कि “अगर चुनाव आयोग के पास कुछ छिपाने को नहीं है, तो वह बूथ वाइज डेटा सार्वजनिक करे. जिन लोगों के नाम कटे हैं, उनका कारण बताए.”