नई दिल्ली : फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुआल्डेज मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एस जयशंकर, जेपी नड्डा और बंगलूरू के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिलेंगे।
5 अगस्त को मार्कोस राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ बैठक होगी। दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी होगा। सात अगस्त को राष्ट्रपति मार्कोस बंगलूरू भी जाएंगे।
यह मार्कोस का राष्ट्रपति बनने के बाद पहला भारत दौरा है, जो भारत-फिलीपीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है। भारत और फिलीपीन के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। दौरे के दौरान रक्षा, व्यापार और डिजिटल प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा होगी।
राष्ट्रपति मार्कोस की यह यात्रा दोनों देशों के बीच लगातार हो रही राजनीतिक बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत और फिलीपीन दोनों ही दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन के पक्ष में हैं, इसलिए यह यात्रा समुद्री सहयोग के लिए भी अहम मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर पहले भी मिल चुके हैं। अक्तूबर 2024 में दोनों की मुलाकात लाओस में हुई थी। इससे पहले वह सितंबर 2023 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भी मिले थे। इसके अलावा, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर को 2022 में चुनाव जीतने पर उन्हें बधाई भी दी थी।
राष्ट्रपति मार्कोस की आगामी पांच दिवसीय यात्रा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसके ठीक पहले भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत- आईएनएस दिल्ली, आईएनएस शक्ति और आईएनएस किल्टन फिलीपीन पहुंचे हैं। वे फिलीपीन की नौसेना के साथ मिलकर पश्चिमी फिलीपीन सागर में संयुक्त गश्त करेंगे। इस दल का नेतृत्व रियर एडमिरल सुशील मैनन कर रहे हैं।
फिलीपीन के सेना प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने कहा कि भारतीय नौसेना की यह उपस्थिति दोनों देशों के बीच समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए मजबूत सहयोग का स्पष्ट संकेत है। यह कदम दिसंबर 2024 में हुई पहली भारत-फिलीपीन समुद्री वार्ता के बाद उठाया गया है।