रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का चार अगस्त को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
उनके बेटे और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दुखद खबर की पुष्टि की। ‘दिशोम गुरु’ के नाम से विख्यात शिबू सोरेन पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां वे किडनी की बीमारी और ब्रेन स्ट्रोक के कारण आईसीयू में थे।
शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में आदिवासी अस्मिता और अधिकारों के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने 1973 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उनके नेतृत्व में JMM ने आदिवासी समुदाय के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण संघर्ष किए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “आज मैं शून्य हो गया। गुरुजी ने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में सामाजिक न्याय के लिए अनगिनत संघर्ष किए। उनकी कमी हमेशा खलेगी।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, और कई अन्य प्रमुख नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
झारखंड में उनके समर्थकों और JMM कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को हजारीबाग के नेमरा गांव में हुआ था। उनके निधन को झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।