कर्तव्य भवन : सरकारी मंत्रालयों-विभागों का होगा अब नया ठिकाना

Kartavya-Bhawan

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग जल्द ही कर्तव्य पथ के दोनों तरफ बन रहे कर्तव्य भवनों में दिखेंगे। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए ऐसे कुल 10 भवनों का निर्माण होना है। 

इनमें से कर्तव्य भवन-3 बनकर तैयार हो गया है, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12.15 बजे करेंगे। साथ ही वह शाम छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। परियोजना पूरी होने के बाद किराये के तौर पर खर्च होने वाले 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी।

कर्तव्य भवन-3 एक अत्याधुनिक इमारत है, जो सेंट्रल विस्टा का हिस्सा है। इसे विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों को एक ही स्थान पर लाने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसका लक्ष्य कार्य में तेजी लाना, समन्वय बढ़ाना और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह भवन प्रधानमंत्री मोदी के नागरिक-केंद्रित शासन के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक कार्यालय परिसर में दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6 मंजिल) हैं। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे। वर्तमान में, कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से काम करते हैं, जो 1950-70 के दशक में बनाई गई थीं।

भवन में सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को भी बढ़ावा देता है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं। इमारत को ठंडा रखने और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें कांच की विशेष खिड़कियां लगाई गई हैं।

कर्तव्य भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है। ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्टें और बिजली के उपयोग को प्रबंधित करने की एक उन्नत प्रणाली लगाई गई है।

शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 के सभागार में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार जाएंगे। दोनों का काम लगभग अंतिम चरण में है। प्रस्तावित अन्य सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इस परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

मंत्रालयों के लिए बनाए जा रहे इन भवनों में तकनीक, सुरक्षा व पर्यावरण अनुकूलता का पूरा ख्याल रखा गया है। पूरे भवन की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर भी बनाया गया है,जहां से परिसर व अंदर के गलियारों पर पैनी नजर रखी जाएगी। खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए नवनिर्मित इन नए भवनों को पहले कामन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) नाम दिया गया था। इन कर्तव्य भवनों को मेट्रो लाइन से जोड़ने के लिए इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव किया गया है।

मंत्री खट्टर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि मंत्रालयों के नए और अत्याधुनिक भवनों को बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि इनके जो मौजूदा भवन हैं वह 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे। ये सभी पुराने हो गए है, इनका सालाना रखरखाव काफी महंगा हो गया था। गौरतलब है कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास करीब 55 मंत्रालय और 93 विभाग मौजूद है। ये अभी नार्थ और साउथ ब्लाक के साथ कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग व निर्माण भवन आदि शामिल है।

कर्तव्य भवनों के तैयार होते ही नार्थ और साउथ ब्लाक में मौजूद सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दोनों ही ब्लाक को खाली कराकर इनमें युगे-युगीन भारत संग्रहालय बनाया जाएगा।

इस दौरान ढांचे के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ किए बगैर इसमें महाभारत काल से लेकर देश के आज तक के इतिहास, कला व संस्कृति आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का यह काम दिसंबर 2031 तक पूरा कर लिया जाएगा। इनमें ही प्रधानमंत्री के लिए नए आवास व कार्यालय भी बनाए जा रहे है। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

कर्तव्य भवन-3 : एक नजर में

⦁ कुल क्षेत्रफल- 1.50 लाख वर्ग मीटर
⦁ भूतल क्षेत्रफल- 40 हजार वर्ग मीटर
⦁ कुल तल- दो भूतल सहित कुल दस तल
⦁ पार्किंग क्षमता- 600 कारों की
⦁ बैठने की व्यवस्था- वर्क हाल और केबिन
⦁ कॉमन सुविधा- योगा, क्रेच,मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल
⦁ 24 मुख्य कांफ्रेंस हाल, क्षमता- प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की
⦁ 26 छोटे कांफ्रेंस हाल, क्षमता-प्रत्येक में 25 व्यक्तियों के बैठने की
⦁ 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल, प्रत्येक की क्षमता नौ लोगों की
⦁ लिफ्ट- 27, सेंट्रलाइज एयर कंडीशन, स्वचालित सीढियां- दो

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत जल्द ही कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन टूटेंगे। इनमें मौजूद सभी मंत्रालयों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन दौरान कुछ मंत्रालय अगले दो साल के लिए किराए भवन में भी शिफ्ट हो रहे है। माना जा रहा है कि जैसे ही नए कर्तव्य भवनों का निर्माण होगा, वैसे-वैसे इन सभी मंत्रालयों और विभागों को इनमें शिफ्ट किया जाएगा।