नई दिल्ली : आज रक्षाबंधन का पावन पर्व देशभर में मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व होता है और यह हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
रक्षाबंधन पर भद्राकाल का विशेष ध्यान दिया जाता है,लेकिन इस वर्ष न तो भद्राकाल का साया रहेगा और न ही पंचक का। हिंदू पंचांग के अनुसार आज रक्षाबंधन पर राखी बांधने के लिए पूरे 7 घंटे और 37 मिनट का समय मिलेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत कल यानी 08 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू हो चुकी है और इस तिथि का समापन आज यानी 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट होगा। उदया तिथि के आधार पर रक्षाबंधन का त्योहार आज ( 09 अगस्त 2025) पूरे देशभर में मनाया जा रहा है।
08 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू हो चुकी है और इस तिथि का समापन आज यानी 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट होगा। उदया तिथि के आधार पर रक्षाबंधन का त्योहार आज ( 09 अगस्त 2025) पूरे देशभर में मनाया जा रहा है।
रक्षाबंधन के दिन राहुकाल का समय : आज रक्षाबंधन के दिन राहुकाल का समय प्रातः 09: 07 मिनट से लेकर 10:47 मिनट तक रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, राहुकाल के दौरान राखी बांधना और किसी भी शुभ कार्य को करना उचित नहीं माना जाता है।
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहने के कारण आज सुबह से ही राखी बांधी जा सकती है। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू हो गया है जो दोपहर को 01 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शाम के समय भी राखी बांधी जा सकती है। लेकिन आज राहुकाल के दौरान राखी बांधने से बचना होगा।
रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए और सिर को रुमाल से ढ़कना चाहिए। राखी भाई की दाहिने हाथ की कलाई में बांधना शुभ होता है।
आज देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। इस बार राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। ऐसे में राखी पूरे दिन बांधी जा सकेगी। अगर शुभ मुहूर्त का विचार करें तो आज राखी बांधने के तीन शुभ मुहूर्त मिलेंगे। पहला मुहूर्त सुबह से लेकर 9 बजे तक। दूसरा दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 4 बजकर 30 मिनट तक। तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 06 बजे से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक।
शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी तभी बांधनी चाहिए जब भद्राकाल न हो। भद्राकाल के दौरान किसी भी तरह का शुभ काम करना वर्जित होता है। भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। इस वर्ष रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया नहीं रहेगा।