नई दिल्ली : भारत का आज से 78 साल पहले विभाजन हो गया था. भारत और पाकिस्तान अलग-अलग हो गए थे. आज 14 अगस्त के दिन देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दुख और पीड़ा को याद किया जो उस समय लोगों ने झेला.
हर साल 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने से एक दिन पहले भारत ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाता है, ताकि 1947 में देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों और विस्थापित हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके.
पीएम ने लोगों के दुख-दर्द को किया याद : पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है, उस दुखद अध्याय में अनगिनत लोगों ने जो उथल-पुथल और पीड़ा झेली उसको याद करते हुए, यह दिन उनके साहस का सम्मान करने का भी है. उस क्षमता का, जिसके बल पर उन्होंने काफी ज्यादा दुख और नुकसान का सामना किया और फिर भी नए सिरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत करने की ताकत दिखाई. इतिहास के इस अध्याय से जो लोग प्रभावित हुए उनमें से कई ने अपने जीवन को दोबारा बसाया और उपलब्धियां हासिल कीं. यह दिन हमें इस जिम्मेदारी की भी याद दिलाता है कि हम अपने देश को एकजुट रखने वाले बंधनों को और मजबूत करें.
अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना : देश के विभाजन और उसकी त्रासदी के शिकार लोगों के दर्द को याद कर संवेदना व्यक्त करने का दिन है. इस दिन कांग्रेस ने देश को टुकड़ों में बांटकर मां भारती के स्वाभिमान को चोट पहुंचाई. विभाजन की वजह से हिंसा, शोषण और अत्याचार हुए, करोड़ों लोगों ने विस्थापन झेला. मैं उन सभी लोगों के प्रति मन की गहराई से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. देश विभाजन के इस इतिहास और दर्द को कभी भुला नहीं सकेगा. विभाजन की इस विभीषिका में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
राजनाथ सिंह ने दी श्रद्धांजलि : इस मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर 1947 के उस दर्दनाक अध्याय को याद करते हुए, मैं उन सभी भाइयों-बहनों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्हें भारत के विभाजन के बाद नफरत और हिंसा के भयावह नतीजे भुगतने पड़े और जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा. उन पीड़ित परिवारों के प्रति आज भी हर भारतीय के अंदर एक संवेदना है. हम लोग देश में सामाजिक सौहार्द को और मजबूत करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
आजादी के बाद हुआ था विभाजन : भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी. हर साल 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है. हालांकि, आजादी की मिठास के साथ-साथ विभाजन की एक कड़वी याद भी इतिहास के पन्नों में जुड़ी हुई है.
विभाजन की वजह से मानव इतिहास में सबसे बड़े पलायनों में से एक हुआ, जिससे लगभग 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए. लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांव/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नई जिंदगी तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा.