मुंबई : ब्रिटिश सिनेमा के दिग्गज अभिनेता टेरेंस स्टैम्प का निधन हो गया है। अपने छह दशकों के करियर में एक्टर ने कई यादगार किरदारों को पर्दे पर जीवंत किया। 87 वर्षीय अभिनेता का निधन रविवार को हुआ, जिसकी पुष्टि उनके परिवार द्वारा प्रकाशित एक ऑनलाइन नोटिस से हुई।
लंदन में जन्मे टेरेंस स्टैम्प ने 1962 में समुद्री बैकड्रॉप पर आधारित फिल्म ‘बिली बड’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस पहली ही फिल्म के लिए उन्हें ऑस्कर नामांकन प्राप्त हुआ। इस फिल्म में उनके अभिनय की काफी तारीफ हुई थी।
हालांकि स्टैम्प ने कई गंभीर और भावुक भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता मिली 1978 की ‘सुपरमैन’ और 1980 की ‘सुपरमैन II’ में जनरल जॉड के किरदार से। टेरेंस स्टैम्प की सबसे सराही गई भूमिकाओं में 1994 की ‘द एडवेंचर ऑफ प्रिसिला, क्वीन ऑफ द डेजर्ट’ भी शामिल है, जिसमें उन्होंने एक ट्रांससेक्शुअल महिला बर्नाडेट की भूमिका निभाई थी।
इस किरदार को उन्होंने जिस संवेदनशीलता और गरिमा के साथ निभाया, उसने दर्शकों और समीक्षकों दोनों को प्रभावित किया। 1999 में आई स्टीवन सोडरबर्ग की ‘द लाइमी’ में उनका केंद्रीय किरदार एक पिता के बदले की भावना से भरा था, जो आज भी क्राइम ड्रामा के प्रशंसकों की पसंदीदा फिल्मों में गिना जाता है।
टेरेंस स्टैम्प ने न केवल फिल्मों में अभिनय किया, बल्कि थिएटर और टेलीविजन पर भी सक्रिय रहे। उनकी आवाज़, स्क्रीन प्रेजेंस और गहराई से भरे किरदार उन्हें एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित करते हैं, जिन्होंने केवल अभिनय नहीं किया, बल्कि हर किरदार को जिया। उनके निधन से फिल्म जगत में एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार- खासकर जनरल जॉड, हमेशा सिनेमा के इतिहास में जीवित रहेंगे।