मुंबई : बारिश से हाहाकार, नांदेड़ के बाढ़ पीड़ित बोले- ऐसी आपदा नहीं देखी

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छत्रपति संभाजीनगर/मुंबई : महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हो रही आफत की बारिश से कोहराम मचा है। मुंबई और उसके उपनगरों में सड़कों और निचले इलाकों में कई फीट तक पानी भर गया है। रेल पटरियां डूब गई हैं। इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं, नांदेड़ जिले का हसनल गांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। 

गांव वालों का कहना है कि उन्होंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा कि अचानक आई बाढ़ से लोग अपने घर और सामान छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए। इस बीच, लापता बताए जा रहे पांच लोगों में से चार के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक व्यक्ति का अभी भी पता नहीं चल पाया है।

हसनल गांव निवासी आशाबाई इंगोले ने मंगलवार को बताया कि उसने 30 वर्षों में ऐसी आपदा कभी नहीं देखी। कुछ ही मिनटों में सब कुछ तबाह हो गया। उन्होंने बताया कि हसनल में लगभग 300 घर हैं, लेकिन सभी जगह सिर्फ पानी ही पानी था। इंगोले ने स्थानीय प्रशासन से तुरंत कोई मदद न मिलने का अफसोस जताया। उन्होंने बताया कि हसनल गांव मध्य महाराष्ट्र के मुखेड़ तालुका के अंतर्गत आता है। यहां पर रविवार और सोमवार को भारी बारिश हुई, जिसके चलते अचानक बाढ़ आ गई। सोमवार को बचाव अभियान के लिए गांव में सेना की एक टुकड़ी को तैनात किया गया।

इस बीच, मंगलवार शाम को एक रक्षा विज्ञप्ति में बताया गया है कि हसनल गांव में पहले लापता बताए गए पांच लोगों में से अब तक चार के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक व्यक्ति का अभी तक पता नहीं चल पाया है। नवीनतम अपडेट के अनुसार, हसनल का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा अभी भी जलमग्न है।

प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, नांदेड़ जिले के बरहाली और मुकरमाबाद राजस्व मंडलों में सोमवार को क्रमश; 354.8 मिमी और 206.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। इन दोनों राजस्व मंडलों में हुई बारिश के कारण लेंडी नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे आसपास के कुछ गांवों में बाढ़ आ गई। एक अधिकारी ने बताया कि रावनगांव से कम से कम 225 लोगों को, भिंगोली से 40 लोगों को, बसवाड़ी से 10 लोगों को और हसनाल से आठ लोगों को निकाला गया।

वहीं, बारिश से मुंबई की जीवन रेखा लोकल ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है और 370 से अधिक उड़ानें भी प्रभावित हुईं हैं, जिनमें से आठ को दूसरे हवाईअड्डों पर भेजना पड़ा। मीठी नदी में उफान के कारण 400-500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ठाणे और पालघर जिलों में जलभराव वाले इलाकों में घिरे 1,107 लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।