घरेलू वस्तुओं पर टैक्स घटाकर 5% किया गया, दूध-पनीर और रोटी अब टैक्स के दायरे से बाहर

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नई दिल्ली : जीएसटी परिषद ने बुधवार को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो स्तरीय दर संरचना को मंजूरी दे दी, जिसे 22 सितंबर से लागू किया जाएगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी राज्य दरों को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में हैं और यह सर्वसम्मति पर आधारित निर्णय है।

पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से कुल नुकसान 47,700 करोड़ रुपये होगा। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अवगुण वस्तुओं पर कर के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है तथा 40 प्रतिशत से अधिक कर लगाने के बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा।

जीएसटी परिषद की 56वीं मैराथन बैठक 10.5 घंटे तक चली, जिसमें केंद्र और राज्यों ने प्रमुख कर प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।जीएसटी के ढांचे में सुधार के फैसलों का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि जीएसटी स्थिर रहे और स्थायी हो। हम जीएसटी के मुआवजे को लेकर भी कदम बढ़ा रहे हैं।

जीएसटी सुधार अधिक समावेशी कर प्रणाली की दिशा में निर्णायक क्षण : महिंद्रा समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक अनीश शाह ने बुधवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की सरल, निष्पक्ष और अधिक समावेशी कर प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक क्षण है।

जीएसटी परिषद की ओर से जटिल वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) में आमूलचूल परिवर्तन के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि महिंद्रा समूह इन सुधारों को परिवर्तनकारी मानता है, क्योंकि यह अनुपालन को सरल बनाता है, सामर्थ्य को बढ़ाता है। यह बदलाव उपभोग को बढ़ावा देता है, साथ ही उद्योग को अधिक विश्वास के साथ निवेश करने में सक्षम बनाता है।

जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर अब कोई जीएसटी नहीं : पॉलिसीधारकों को बड़ी राहत देते हुए, वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियमों को कर मुक्त करने का निर्णय लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 56वीं बैठक के बाद घोषणा की कि संशोधित दरें 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

वर्तमान में, बीमा सेवाओं पर 18% जीएसटी लगता है। इस बदलाव के साथ, सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियां- जिनमें टर्म लाइफ, यूलिप और एंडोमेंट प्लान शामिल हैं—और साथ ही उनका पुनर्बीमा भी अब शून्य जीएसटी श्रेणी में आ जाएगा। यह छूट सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों, जिनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक योजनाएँ शामिल हैं, और उनके पुनर्बीमा पर भी लागू होगी।

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा कि बीमा पर जीएसटी समाप्त करने से आम आदमी के लिए यह अधिक किफायती हो जाएगा। इससे देश भर में बीमा कवरेज का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

जीएसटी 2.0 में 40% का विशेष स्लैब : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में एक बड़े बदलाव की घोषणा की है। जीएसटी 2.0 नामक इस नई प्रणाली में सरल दो-स्लैब संरचना और वस्तुओं पर कर लगाने के तरीके में कई बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगे।

नई व्यवस्था के तहत, विलासिता और अहितकर वस्तुओं के लिए 40% का एक विशेष उच्च कर स्लैब बनाया गया है। सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, कैफीनयुक्त पेय पदार्थ और गैर-मादक पेय पदार्थों पर 40% कर लगेगा। 350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें भी इसी स्लैब के तहत आएंगी। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर और नौकाएं भी अब 40% की श्रेणी में आएंगी।

ऑटोमोबाइल, आवास और अन्य के लिए राहत : जीएसटी में बड़े बदलाव के तहत वाहनों और आवासीय घरों पर जीएसटी में भी बदलाव किए गए हैं। सीमेंट, जो निर्माण के लिए एक प्रमुख सामग्री है, पर कर की दर पहले के 28% से घटाकर 18% कर दी गई है।

छोटे वाहनों पर भी कर की दरें कम कर दी गई हैं। 350 सीसी से कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों, तिपहिया वाहनों और छोटी कारों पर अब 28% की बजाय 18% जीएसटी लगेगा। बस, ट्रक और एम्बुलेंस जैसे बड़े वाहन भी 18% के स्लैब में आएंगे। ऑटो पार्ट्स, जिन पर पहले अलग-अलग दरें थीं, अब 18% की एक समान दर से कर लगेगा। सभी ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 18% होगा।

350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलों और निजी इस्तेमाल के लिए विमानों पर 40% जीएसटी लगेगा। 1,200 सीसी से अधिक पेट्रोल और 1,500 सीसी से अधिक डीजल वाली सभी कारों पर 40% जीएसटी लगेगा।
10:49 PM, 03-Sep-2025

किस सेक्टर के लिए जीएसटी के बदलावों में क्या? :

टेक्सटाइल सेक्टर

  • मानव निर्मित धागों (यार्न) पर 12 से 5 फीसदी पर आया टैक्स
  • मानव निर्मित फाइबर पर 18 से 5 फीसदी होगा जीएसटी  
  • इससे कपड़ा उद्योग को फाइबर न्यूट्रल नीति मिलेगी।

फर्टिलाइजर सेक्टर में :

  • सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनियम पर 18 से 5 फीसदी टैक्स किया जा रहा है।
    -नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर से जुड़े उपकरण, पुर्जों, बायोगैस प्लांट, विंडमिल, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, पीवी सेल्स, सोलर कूकर और सोलर वॉटर हीटर पर 12 से 5 फीसदी पर किया जाएगा टैक्स।
    -एक विशेष टैक्स स्लैब बनाया गया है। यह 40 फीसदी का होगा। इसमें सुपर लग्जरी और सिन गुड्स होंगे।
  • पान-मसाला, सिगरेट-गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पाद शामिल होंगे, जिनमें चबाने वाली तंबाकू, जैसे जर्दा भी शामिल होंगे। इसके अलावा बीड़ी को भी 40 फीसदी की रेंज में रखा गया है।
  • सभी उत्पाद, जिनमें अलग से शर्करा का प्रयोग किया गया है (एडेड शुगर वाले), कैफीनेटेड पेय, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ (फ्रूट जूस या अन्य), नॉन अल्कोहलिक पेय पदार्थ सभी को 40 फीसदी में रखा गया है।
  • मध्य आकार और बड़ी कार, 350 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों, एयरक्राफ्ट- हेलीकॉप्टर और विमान (निजी इस्तेमाल वाले), यॉट और अन्य पानी के जहाज स्पोर्ट्स में इस्तेमाल होने वाली भी 40 फीसदी रेंज में होंगे।

किन वस्तुओं पर जीएसटी स्लैब में किया गया बदलाव :

पहले का स्लैब नया स्लैब प्रभावित वस्तुएं
5%0%दूध, छेना और पनीर, सभी भारतीय ब्रेड, रोटी, पराठा, चपाती
12–18%5%सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, बटर, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, प्रिजर्व्ड मीट
28%18%एयर कंडीशनर, 32 इंच से बड़े टीवी (अब सभी टीवी 18% पर), डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिल (350 सीसी या कम)

5 से 0 में जाने वाले : यूएचटी दूध, छेना और पनीर, सभी भारतीय ब्रेड, रोटी, पराठा, चपाती पर कोई टैक्स नहीं।

12-18 से पांच फीसदी पर आने वाले : खाने के आइटम- सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, बटर, इंस्टैंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी और प्रिजर्व्ड मीट शामिल हैं।

28 से 18 फीसदी में : मध्यम वर्ग को फायदा पहुंचाने वाली चीजें- एयर कंडीशनर, टीवी जो कि 32 इंच से बड़े हैं। सभी टीवी अब 18 फीसदी के दायरे में होंगे। डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिल 350 सीसी या इससे कम सभी 18 फीसदी के दायरे में होंगी।

कृषि उत्पाद जैसे- ट्रैक्टर, मृदा को तैयार करने में शामिल होने वाली मशीनें, खेती में इस्तेमाल होने वाली- थ्रेशिंग मशीनें, कंपोस्ट में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, पराली हटाने वाली मशीनें, सभी पर अब टैक्स 12 फीसदी से पांच फीसदी किया जा रहा है।

आम आदमी को ध्यान में रखकर लिए गए जीएसटी में सुधार के फैसले : जीएसटी के ढांचे में सुधार के फैसलों का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि जीएसटी स्थिर रहे और स्थायी हो। हम जीएसटी के मुआवजे को लेकर भी कदम बढ़ा रहे हैं। जीएसटी के सभी सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं।

श्रम आधारित और मजदूर-किसान आधारित सेक्टर्स को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अहम फैसला किया गया है। सभी ने पूर्ण मन से समर्थन किया है। मैं जीएसटी काउंसिल का आभार करना चाहती हूं।

वित्त मंत्री ने कहा कि रेट रेशनलाइजेशन में सभी मंत्रियों ने समर्थन दिया। प्रधानमंत्री 8-9 महीनों से मुझसे कह रहे थे कि जीएसटी में कुछ बदलाव करने का समय है। सम्राट चौधरी जी ने रेट रेशनलाइजेशन पर काम किया। मंत्री परिषद के हर एक सदस्य ने बड़ा काम किया। समय की मांग को समझते हुए सभी मंत्रियों ने काम किया। इसलिए मैं उनका शुक्रिया करती हूं।

दूध छेना, पनीर पर कोई टैक्स नहीं : बालों का तेल, सोप-बार, टूथपेस्ट, टेबल वेयर, किचन वेयर जैसे सभी घरेलू चीजें अब पांच फीसदी के स्लैब पर आ गई हैं। दूध, छेना, पनीर, सभी भारतीय ब्रेड्स पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। रोटी, पराठा पर किसी पर भी कोई टैक्स नहीं होगा।

हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस पर जीएसटी घटाकर 5% : जीएसटी परिषद ने हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस जैसी व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं पर कर की दर 18% से घटाकर 5% कर दी है।

जीएसटी परिषद ने कोल्ड ड्रिंक्स पर कर 28% से बढ़ाकर 40% किया : जीएसटी परिषद ने अतिरिक्त चीनी, स्वीटनर या फ्लेवर युक्त सभी वस्तुओं (जिसमें कोल्ड ड्रिंक्स भी शामिल है) पर कर की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है।