नई दिल्ली : एम्स में उपचार के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को ओपीडी, लैब, फार्मेसी, सेंटर सहित दूसरे जगहों की खोज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए एम्स ने दिशा एप को तैयार किया गया। इसकी मदद से एम्स परिसर में एक जगह से दूसरी जगह जाने का रास्ता आसानी से खोजा जा सकेगा।
दिलचस्प बात यह है कि इस स्वदेशी एप के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं है। बेसमेंट पार्किंग से लेकर लिफ्ट में भी यह काम करेगी। इस इनडोर नेविगेशन मोबाइल ऐप को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लॉन्च किया। इसका इस्तेमाल अस्पताल के कर्मचारी और आगंतुक भी कर सकेंगे। यह पूरे अस्पताल परिसर के लिए काम करेगी। इसमें अस्पताल के 2डी मैप से रास्तों को खोजा जा सकेगा। इसके लिए एआई आधारित रूट और ऑप्टिमाइजेशन का इस्तेमाल किया गया।
एम्स का मानना है कि अस्पताल परिसर बहुत बड़ा है। ऐसे में रास्तों को खोजने में मुश्किल होती है। मरीज समय पर निर्धारित जगह पहुंचे सके उसके लिए एप तैयार किया है। इससे उनका रास्ता खोजने के चक्कर में होने वाला तनाव कम होगा। किसी से पूछना नहीं पड़ेगा और खुद गंतव्य स्थल पर पहुंच सकेंगे। यह एप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। गूगल प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड किया जा सकता है।
एप पर विभागों के कार्य करने से लेकर उनके बंद होने के समय की जानकारी भी उपलब्ध होगी। लाइव हीटमैप के माध्यम से भीड़ प्रबंधन के बारे में भी जानकारी जुटा सकेंगे। एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि एम्स दिशा की अवधारणा मरीज केंद्रित सेवाओं के लिए अगली पीढ़ी की एआई और आईओटी तकनीकों का लाभ उठाने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है। एम्स मीडिया सेल प्रमुख डॉ. रीमा दादा ने कहा कि एम्स में 56 विभाग हैं। इस ऐप की मदद से मरीज आसानी से एक सेंटर से दूसरे सेंटर में पहुंच सकेंगे।