मुंबई : ड्रीम11 के बाहर होने के बाद अपोलो टायर्स भारतीय क्रिकेट टीम का नया प्रायोजक बना है। बोर्ड ने इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा भी कर दी है। बीसीसीआई और अपोलो टायर्स के बीच ढाई साल की अवधि के लिए करार हुआ है, जो मार्च 2028 में समाप्त होगा। इस डील के तहत, अपोलो टायर्स का लोगो सभी प्रारूपों में भारतीय पुरुष और महिला राष्ट्रीय टीमों की जर्सी पर दिखाई देगा।
इनके भी बोली में शामिल होने की चर्चा : न्यूज एजेंसी पीटीआई ने विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से बताया कि यह करार 579 करोड़ रुपये का है, जो ड्रीम-11 के 358 करोड़ रुपये के समझौते से कहीं ज्यादा है। इस टायर्स मेजर के साथ डील में 121 द्विपक्षीय मैच और 21 आईसीसी मैच शामिल हैं। अपोलो टायर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है।
इस टायर निर्माता कंपनी की भारत और विदेशों में, यूरोप समेत, उत्पादन इकाइयां हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपोलो टायर्स के अलावा कैनवा और जेके टायर बोली लगाने वाली दो अन्य कंपनियां रहीं। इसके अलावा, बिड़ला ऑप्टस पेंट्स निवेश करने के लिए उत्सुक तो दिख रही थी, लेकिन बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना चाहती थी।
बीसीसीआई ने मंगाए थे आवेदन : दो सितंबर को बीसीसीआई ने भारतीय टीम के मुख्य प्रायोजक अधिकारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और बोली प्रक्रिया मंगलवार को हुई। बीसीसीआई ने नियम बताते हुए कहा था कि गेमिंग, सट्टेबाजी, क्रिप्टो और तंबाकू ब्रांडों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे में आने वाले समय में अब भारतीय जर्सी पर अपोलो टायर्स लिखा हुआ दिखेगा।
अपोलो टायर्स को मिल सकती है पहचान : आने वाले समय में भारत के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर को देखते हुए इस साझेदारी से अपोलो टायर्स को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिलेगी। यह करार हाल के वर्षों में भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े और सबसे फायदेमंद स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट्स में से एक माना जा रहा है।
सचिव सैकिया ने क्या कहा : इस मौके पर बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, ‘अपोलो टायर्स का हमारे नए स्पॉन्सर के रूप में जुड़ना हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और लगातार शानदार प्रदर्शन का प्रमाण है। हमें खुशी है कि यह अपोलो का भारत क्रिकेट में पहला बड़ा स्पॉन्सरशिप है, जो इस खेल की बेजोड़ पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है। यह सिर्फ एक व्यावसायिक समझौता नहीं है, बल्कि दो ऐसी संस्थाओं के बीच साझेदारी है, जिन्होंने लाखों लोगों का विश्वास और सम्मान अर्जित किया है।’
राजीव शुक्ला ने क्या कहा : वहीं, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, ‘हम अपोलो टायर्स का हमारे नए लीड स्पॉन्सर के रूप में स्वागत करके बहुत खुश हैं। यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जो भारत की दो सबसे मजबूत और स्थायी विरासतों को एक साथ लाता है- भारतीय क्रिकेट की अटूट भावना और अपोलो टायर्स की अग्रणी विरासत। बोली प्रक्रिया की प्रतिस्पर्धात्मक प्रकृति बीसीसीआई में मजबूत बाजार विश्वास और टीम इंडिया के वैश्विक ब्रांड को दर्शाती है। हमें विश्वास है कि यह साझेदारी आपसी विकास और सफलता के लिए एक प्रेरक शक्ति बनेगी।’
अपोलो टायर्स ने क्या कहा : वहीं, अपोलो टायर्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नीरज कंवर ने कहा, ‘भारत और पूरी दुनिया में क्रिकेट की बेजोड़ लोकप्रियता को देखते हुए, हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि हम टीम इंडिया के नेशनल टीम लीड स्पॉन्सर बने। यह साझेदारी राष्ट्रीय गर्व, उपभोक्ताओं के विश्वास को मजबूत करने और अपोलो को हमारे क्षेत्र में एक लीडर के रूप में पेश करने के साथ-साथ भारतीय खेल को उच्चतम स्तर पर समर्थन देने और दुनियाभर के फैंस के लिए अविस्मरणीय पलों का निर्माण करने के बारे में है।’
ड्रीम-11 ने ली थी बायजू की जगह : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और अपोलो टायर्स का करार ऐसे समय में हुआ है, जब बीसीसीआई ने ड्रीम11 के साथ अपना अनुबंध को खत्म कर दिया था। ड्रीम11 से यह अनुबंध इसलिए समाप्त किया गया क्योंकि यह एक बेटिंग-संबंधित एप है, जिस पर हाल ही में बैन लगा दिया गया। इस वजह से 358 करोड़ रुपये का करार समय से पहले ही खत्म हो गया था। यह करार 2023 में तीन साल की अवधि के लिए हुआ था। हाल ही में पारित ‘ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ के कारण ड्रीम-11 ने अनुबंध से बाहर निकलने का फैसला किया। ड्रीम-11 ने 2023 में बायजू (Byju’s) की जगह ली थी।