फतेहपुर : केरल से पकड़ा गया हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने वाला मोहम्मद रजा बेहद शातिर निकला। राधानगर थाना क्षेत्र के अंदौली गांव निवासी मोहम्मद रजा, युवाओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल करता था। इंस्टाग्राम पर शरीयत के कानून और जिहाद की बात करने वाले उसके वीडियो का गांव के युवा इंतजार करते थे। वह खुद को मौलाना की तरह पेश कर युवाओं को भड़काऊ भाषण देता था, जिसे वह मोटिवेशनल स्पीच (उकसाने वाली जुबान) कहता था।
गांव के एक युवक ने बताया कि मोहम्मह रजा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर युवाओं को जोड़ता और कट्टरपंथी विचार फैलाता था। उसके भाषणों में कौमी एकता की आड़ में कट्टरता भरी होती थी। सोशल मीडिया के जरिये वह अपनी कथित मुजाहिदीन आर्मी तैयार कर रहा था। राधागनगर थाना क्षेत्र के अंदौली गांव में मोहम्मद रजा की गिरफ्तारी के बाद माहौल गर्म है। गांव में चर्चा है कि वह लंबे समय से युवाओं को गुमराह कर कट्टरपंथ की ओर धकेल रहा था।
परिवार के करीबी लोगों का कहना है कि मोहम्मद रजा चाहे कहीं भी रहे, हर साल ईद और जलसे में शामिल होने आता था। यहां वह खुद को कट्टरपंथी बताता था। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के बाद से अंदौली गांव में बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा। मोहम्मद रजा के घर के गेट पर उसकी मां जमीला बानो, बहन व रिश्ते की चाची बैठीं दिखीं।
गांव के कुछ भी लोग दरवाजे पर एकत्र नजर आए। बहन ने बताया कि मार्च के अंतिम रमजान में रजा घर आया था। ईद के बाद केरल काम पर लौट गया। उसने तीन साल पहले दोनों छोटे भाइयों को भी काम पर बुला लिया था, लेकिन उन्हें अपने से अलग ही रखता था। मां और बहन ने रजा पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
मोहम्मद रजा के अचानक मुंबई छोड़कर केरल जाने की कड़ी का खुलासा नहीं हो पा रहा है। गांव से करीब सात से आठ साल पहले मोहम्मद रजा मुंबई गया था। मुंबई में रहने के करीब एक साल बाद ही वह केरल पहुंच गया। वह केरल किस माध्यम से पहुंचा, यह बड़ा सवाल है। इस बारे में भी एटीएस जांच कर रही है।
मोहम्मद रजा के पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद परिवार के आर्थिक हालात बेहद खराब हो गए थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि मां जमीला लोगों के घरों में काम कर अपना और बच्चों का पालन पोषण करती थी। मोहम्मद रजा की की कमाई से परिवार की आर्थिक हालत सुधरने लगी थी। पक्का मकान बन चुका था। वह महीने में दो से तीन बार मां को रुपये भी भेजता था।
एटीएस ने मोहम्मद रजा को पकड़ने के बाद केरल के मल्लपुरम थाने लेकर पहुंची थी। इसका पता लगने पर भाई जीशान और शहजाद भी पहुंचे थे। एटीएस ने दोनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे। घर वालों ने बताया कि जांच के बाद फिलहाल दोनों भाइयों के मोबाइल फोन लौटा दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2019 में कोरोना के समय मोहम्मद रजा मुंबई से गांव लौटकर आया था। घर पर खाली बैठे-बैठे वह मोबाइल पर कई इस्लामिक संगठनों के वीडियो देखकर जिहाद की तरफ आकर्षित हुआ। वह मोबाइल पर वीडियो देखने के बाद लोगों को भी कट्टरपंथी बनने की नसीहत देता था।
जिले की पुलिस के सूत्रों की मानें तो एटीएस ने मोहम्मद रजा के मोबाइल फोन की जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि उसके मोबाइल में 100 से अधिक वीडियो मिले हैं। अधिकतर वीडियो कट्टर पंथी इस्लामिक संगठनों के हैं। इन संगठनों के सरगना भड़काऊ और नफरती भाषण देते हैं। देश के कई धर्मगुरुओं के वीडियो भी मिले हैं। इन वीडियो को भी व्हाट्सएप ग्रुप में साझा कर मोहम्मद रजा अपनी कौम के लोगों को भड़काने का संदेश देता था।
अंदौली के मोहम्मद रजा के पकड़े जाने के बाद उसके कई साथी भूमिगत हुए हैं। उसके पकड़े जाने के बाद ही साथियों में एटीएस और लोकल पुलिस की धरपकड़ की दहशत है। खुफिया के सूत्रों का कहना है कि केरल अथवा अन्य राज्यों में अंदौली या जनपद के कई युवा उसकी टीम का हिस्सा हो सकते हैं। जो लोग उसकी गिरफ्तारी के बाद से और जो पहले से गांव छोड़ चुके हैं। उन सबका पता किया जा रहा है। यदि गायब लोग नहीं मिले और उनके परिजन सटीक जवाब न दे सके तो उनकी जानकारी यूपी एटीएस को दी जाएगी। इससे हो सकता है कि गिरोह के कुछ और सदस्य एटीएस की पकड़ में आ जाए।
एंटी टेररिस्ट स्क्वाॅड (एटीएस) राधानगर थाना क्षेत्र के अंदौली गांव निवासी मोहम्मद रजा के बारे में बारीकी से जानकारियां जुटाने में लगी है। इसके लिए स्थानीय स्तर की कई टीमों को लगाया गया है। ये टीमें लगातार गांव में आवाजाही बनाए हैं। गांव स्तर पर रजा की गतिविधियों की छानबीन की जा रही है। केरल से मोहम्मद रजा के पकड़े जाने की खबर मंगलवार शाम को जिला प्रशासन को हुई। इसके बाद से ही जिले की पुलिस सतर्क हो गई। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) की दो टीमें गांव में देर रात पहुंची। यहां उन्होंने कुछ लोगों से बातचीत की, लेकिन कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा।