झारखंड : पूर्व विधायक संजीव सिंह के लौटने पर सिंह मैंशन में उमड़ा जनसैलाब

Dhn-Sanjeev-Singh

धनबाद : आठ साल छह माह बाद घर लौटे झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की वापसी पर आयोजित स्वागत कार्यक्रम राजनीति से परे समर्थकों और अपनों के साथ भावनात्मक पुनर्मिलन का प्रतीक बना. इस दौरान कोई औपचारिक भाषण या राजनीतिक संदेश नहीं दिया गया.

पारिवारिक एकजुटता और समर्थकों के स्नेह से भरा यह आयोजन धनबाद की सामाजिक और राजनीतिक हलके में नयी हलचल छोड़ गया. सिंह मैंशन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम किसी उत्सव से कम नहीं था. शहर के हर कोने में उनके स्वागत की चर्चा थी. 

दुर्गापुर हवाई अड्डा से निकलने के बाद गाड़ियों का काफिला शाम सात बजे जब सिंह मैंशन पहुंचा, तो समर्थकों की भीड़ से जाम हो गया. सिंह मैंशन के मुख्य द्वार पर उनकी पत्नी और झरिया विधायक रागिनी सिंह ने गायत्री परिवार की महिलाओं के साथ पारंपरिक ढंग से तिलक लगा व आरती उतारकर उनका स्वागत किया. इसके बाद पूरा परिसर संजीव सिंह और सिंह मैंशन जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा.

संजीव सिंह जब मंच पर पहुंचे, तो बिहार के हाजीपुर से आये पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनका स्वागत किया. परिवार की महिलाओं ने तिलक, आरती और पुष्प अर्पण से अभिनंदन किया. उनके छोटे भाई और जनता श्रमिक संघ के महामंत्री सिद्धार्थ गौतम ने चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया. मंच से उतरकर संजीव सिंह ने एक-एक समर्थक से हाथ मिलाया, कई को गले लगाया.

कार्यक्रम से पहले अपराह्न चार बजे से ही समर्थक सिंह मैंशन के बाहर एकत्र होने लगे थे. ढोल, नगाड़ों और बैंड-बाजों की आवाज चारों ओर गूंज रही थीं. शाम होते-होते भीड़ बढ़ती गयी. समर्थक अपने हाथों में झंडे, पोस्टर और माला लेकर स्वागत के लिए खड़े थे. जैसे ही उनका काफिला शाम सात बजे सिंह मैंशन पहुंचा, तो आतिशबाजी और पुष्पवर्षा से माहौल उत्सव में बदल गया.

सिंह मेंशन परिसर में स्वागत के लिए दो मंच बनाये गये थे. मुख्य मंच को परिवार की एकजुटता का प्रतीक बनाकर सजाया गया था. मंच पर रागिनी सिंह, विक्रमा सिंह, स्व सूरजदेव सिंह, कुंती देवी, स्व राजीव रंजन सिंह, सिद्धार्थ गौतम और संजीव सिंह के कटआउट लगाये गये थे. 

इस प्रस्तुति से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि यह कार्यक्रम किसी राजनीतिक मंच का नहीं, बल्कि परिवार और समर्थकों के पुनर्मिलन का है. परिवार के सभी सदस्य एक साथ मंच पर थे, जिसने समर्थकों तक ””ओनली फैमिली, नो पॉलिटिक्स”” का संदेश पहुंचाया.

संजीव सिंह के आगमन को लेकर सिंह मैंशन में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति थी. कार्यक्रम में संजय झा, मिल्टन पार्थसारथी, संजीव अग्रवाल, नितिन भट्ट, रमेश राही, रमा सिन्हा, चुन्ना सिंह, अमलेश सिंह, नित्यानंद मंडल और जयंत चौधरी समेत कई स्थानीय पदाधिकारी थे. भाजपा के कई नेता संजीव सिंह की आगवानी के लिए दुर्गापुर हवाई अड्डा पर भी मौजूद थे.

झरिया के जनता मजदूर संघ के सैकड़ों सदस्य भी पहुंचे थे. श्री श्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरुकुलम तक फैले परिसर में हजारों समर्थक उपस्थित रहे. अधिकांश ने मोबाइल कैमरों से इस क्षण को कैद किया. इस दौरान समर्थकों ने मिठाइयां बांटी. 

संजीव सिंह की वापसी ने झरिया की राजनीति में नयी ऊर्जा भर दी है. समर्थक इसे उनके सार्वजनिक जीवन में दोबारा सक्रिय होने का संकेत मान रहे हैं. हालांकि उन्होंने स्वयं कोई घोषणा नहीं की, लेकिन समर्थकों के चेहरों पर उम्मीद साफ झलक रही थी. रात दस बजे तक मिलने-जुलने का दौर चलता रहा.