श्रीलंका की पीएम ने की नरेंद्र मोदी से मुलाकात, उठाया मछुआरों का मुद्दा

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नई दिल्ली : श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसुरिया ने शुक्रवार 17 अक्टूबर 2025 को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मछुआरों के मुद्दे को भी उठाया और इसे ‘ऑनगोइंग’ और ‘सेंसेटिव’ मसला बताया. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के लोगों को रोटी-रोटी की हिफाजत करनी चाहिए.

अमरसूर्या ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात “बहुत अच्छी” रही और इसमें आपसी सहयोग के कई क्षेत्रों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, “हमने इस बात पर चर्चा की कि हम अपने बीच स्थापित अच्छे संबंधों को कैसे बनाए रख सकते हैं. उन्होंने मुझसे मेरी भारत यात्रा और मैंने जो कुछ किया है, उसके बारे में पूछा. इसलिए यह एक अच्छी बातचीत रही.”

श्रीलंका के शिक्षा क्षेत्र में भारत के सपोर्ट को हाइलाइट करते हुए, उन्होंने कहा, “हमारे बीच पहले से ही कई सहयोग चल रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत से सपोर्ट मिला है. हालांकि, हमने और अधिक संस्थागत सहयोग बनाने की संभावना पर भी चर्चा की. और उन्होंने, पीएम मोदी, मुझे यहां चल रहे शिक्षा सुधारों के बारे में कई सुझाव दिए. हमने अपनी-अपनी नीतियों पर चर्चा की.”

इससे पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें अमरसूर्या का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है, उन्होंने कहा कि उनकी चर्चा कई क्षेत्रों तक फैली हुई थी.  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “श्रीलंका की पीएम सुश्री हरिनी अमरसूर्या का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हुई. हमारी चर्चा में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, इनोवेशन, विकास सहयोग और हमारे मछुआरों के कल्याण सहित कई क्षेत्रों पर चर्चा हुई. नजदीकी पड़ोसी होने के नाते, हमारा सहयोग हमारे दोनों देशों की जनता और साझा क्षेत्र की भलाई के लिए बेहद अहम है.”

बीते गुरुवार को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के पीएम से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज सुबह दिल्ली में श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसूर्या से मिलकर मुझे खुशी हुई. श्रीलंका को भारत के लगातार समर्थन और शिक्षा एवं क्षमता निर्माण में हमारे सहयोग को मज़बूत करने पर चर्चा हुई.”

उन्होंने नई दिल्ली स्थित हिंदू कॉलेज का भी दौरा किया, जहां उन्होंने कभी पढ़ाई की थी, और छात्रों से बातचीत की. उन्होंने एएनआई को बताया, “वापस आकर बहुत अच्छा लग रहा है. मौजूदा छात्रों को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. उन्हें देखकर मुझे बहुत उम्मीदें होती हैं,”

दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में, उन्होंने भ्रष्टाचार और नेपोटिज्म को खत्म करके राजनीतिक संस्कृति को बदलने की बात कही और नागरिकों से राजनीति से विमुख न होने की गुजारिश की. “आइए राजनीति में जो हमें पसंद नहीं है उसे बदलें – कुछ राजनीतिक दलों की संस्कृतियां, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, आम नागरिकों से दूरी. आइए इसे बदलें, लेकिन राजनीति को नकारें नहीं, क्योंकि राजनीति के बिना आप दुनिया को नहीं बदल पाएंगे, और यही हमें करना है.”

अमरसूर्या ने कहा. उन्होंने डिजिटल गवर्नेंस में भारत की तरक्की की भी सराहना की और इसे इस बात का “एक्सिलेंट एक्जामपल” बताया कि कैसे तकनीक सरकारों को ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बना सकती है. उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि भारत ने ये गजब तरीके से अच्छा किया है. शासन प्रणालियों का डिजिटलाइजेशन पब्लिक सेक्टर में बदलाव ला रहा है.”