नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने मंगलवार से 12 राज्यों में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी कि SIR का प्रोसेस शुरू कर दिया है। लेकिन पहले ही दिन पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इसका जोरदार विरोध शुरू हो गया। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है।
पार्टी का दावा है कि बंगाल में वोटर्स के नाम काटने की बीजेपी की साजिश है। ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी वोटर लिस्ट के रिवीजन के खिलाफ नहीं है, लेकिन सवाल उठाया कि असम में अगले साल चुनाव होने हैं, वहां SIR क्यों नहीं हो रहा?
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर वोटर लिस्ट से घुसपैठियों के नाम निकालना मकसद है, तो बंगाल के अलावा जिन राज्यों से बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा लगती है, जहां बीजेपी की सरकारें हैं, वहां एसआईआर क्यों नहीं हो रहा? उन्होंने कहा कि इससे चुनाव आयोग की नीयत पर शक पैदा होता है।
अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा कि पहले जब स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन हुआ था, तो उसे पूरा होने में दो साल लगे थे। अब ये दो महीने में कैसे पूरा हो जाएगा? उन्होंने कहा, ‘अगर बंगाल में एक भी असली वोटर का नाम कटेगा, तो तृणमूल कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता चुनाव आयोग की नाक में दम कर देंगे।’
बीजेपी ने अभिषेक के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ इलेक्शन कमिश्नर पर कई इल्जाम लगाए और कहा कि अपने फायदे के लिए ज्ञानेश कुमार बीजेपी की टूल किट की तरह काम कर रहे हैं। बीजेपी ने इस तरह के आरोप लगाने के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ एक्शन की मांग की है। मजूमदार ने कहा, ‘SIR के नाम पर अभिषेक बनर्जी के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में घुसपैठियों के वोट बनवाए हैं। बंगाल में घुसपैठियों को बसाया है।’
वहीं, SIR के नाम पर तमिलनाडु में भी विरोध की आग भड़क गई। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने SIR के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया। स्टालिन ने आज अपने सभी गठबंधन पार्टनर्स की मीटिंग बुलाई जिसमें तय किया गया कि 2 नवंबर को चेन्नई में SIR के खिलाफ एक बड़ी रैली होगी और पूरे तमिलनाडु में SIR के खिलाफ प्रोटेस्ट होंगे। महाबलीपुरम की एक पब्लिक मीटिंग में स्टालिन ने कहा कि बीजेपी का तमिलनाडु में वोट बेस नहीं है, इसलिए AIADMK के साथ मिलकर बीजेपी बैकडोर से चुनाव जीतने का सपना देख रही है, लेकिन वो इस साजिश को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
एम.के. स्टालिन ने कहा, ‘दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाकर BJP और AIADMK चुनाव जीतने की तिकड़म लगा रहे हैं। इनके पास जनता का सामना करने की ताकत नहीं है, इसलिए वे उनसे वोट डालने का अधिकार छीनकर चुनाव जीतने का सपना देख रहे हैं। SIR को रद्द करने और वोटर लिस्ट में बदलाव के लिए सही प्रक्रिया लागू करने और इसे सही समय पर करवाने की मांग DMK ने पहले ही की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने हमारी बात नहीं सुनी। हमें SIR पर कड़ी नजर रखनी होगी। जो भी असली वोटर है, उसका नाम कटना नहीं चाहिए, इस बात को तय करना आपकी जिम्मेदारी है।’
दूसरी तरफ, तमिलनाडु में AIADMK ने SIR का स्वागत करते हुए इसे समय की मांग बताया। AIADMK के नेता कोवई साथ्यन ने कहा कि DMK बोगस वोटर्स के सहारे चुनाव जीतती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट ने भी इसे माना है। वोटर लिस्ट से फर्जी वोटरों को हटाने को कहा है। इसी लिए SIR से स्टालिन और उनकी पार्टी के नेता घबरा रहे हैं।’
