नई दिल्ली : रेल मंत्रालय ने देश की पहली 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को मंजूरी दे दी है। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, मंत्रालय ने ट्रेन की साज-सज्जा और कारीगरी को लेकर कुछ गंभीर खामियों की ओर इशारा किया है। साथ ही, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए देशभर के 76 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्थायी यात्री होल्डिंग एरिया बनाने की योजना को भी मंजूरी दी है।
रेलवे बोर्ड ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) और सभी जोनों के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में ट्रेन की साज-सज्जा से जुड़ी कमियों पर चिंता जताई है। बोर्ड ने बताया कि बर्थिंग एरिया में नुकीले किनारे, खिड़की के पर्दे के हैंडल और बर्थ कनेक्टर्स के बीच की जगह यानी ‘पिजन पॉकेट’ जैसी संरचनाएं सफाई और रखरखाव में दिक्कत पैदा कर सकती हैं। मंत्रालय ने आदेश दिया है कि मौजूदा रैक में सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और भविष्य के रैक की डिजाइन में जरूरी संशोधन किए जाएं।
रेल मंत्रालय ने जोनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति पर परिचालन के लिए आरडीएसओ द्वारा तय सभी सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने अग्निशमन सुरक्षा उपायों, कवच 4.0 तकनीक की फिटमेंट और लोको पायलटों व स्टेशन मास्टर के बीच विश्वसनीय संचार व्यवस्था की अनिवार्यता दोहराई है। रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद ही ट्रेन का संचालन शुरू किया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि आपातकालीन स्थिति में 15 मिनट के भीतर सेमी-परमानेंट कपलर को खोलने के लिए ड्राइवरों और गार्डों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। इसके लिए जरूरी उपकरण उनके टूलकिट में शामिल किए जाएं।
साथ ही, कोचों में उचित तापमान बनाए रखने, प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ की उपलब्धता और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियमित घोषणाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन यात्रियों को नाइट ट्रेवल में लग्जरी और सुरक्षा का नया अनुभव देगी।

 
		 
		 
		