नई दिल्ली : लाल किले के पास हुआ विस्फोट राजधानी दिल्ली में दहशत और चिंता का कारण बन गया है। फॉरेंसिक जांच के शुरुआती नतीजे यह दिखा रहे हैं कि यह विस्फोट अब तक देखे गए किसी भी हमले से अधिक तकनीकी और योजनाबद्ध था। घटनास्थल पर एनएसजी, एनआईए और एफएसएल की टीमें मौजूद हैं और वैज्ञानिक तरीके से हर साक्ष्य को जांचा जा रहा है।
सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नेटवर्क से डेटा जुटाया जा रहा है, ताकि धमाके से पहले के हर मिनट की तस्वीर स्पष्ट की जा सके। पास के मोबाइल टावरों के रिकॉर्ड और ड्रोन की गतिविधि के संभावित संकेत भी जांच के दायरे में हैं।तकनीकी जटिलता और उद्देश्य लाल किला केवल ऐतिहासिक स्मारक नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता का प्रतीक है। ऐसे स्थान के पास विस्फोट होना बताता है कि हमलावरों का मकसद न सिर्फ नुकसान पहुंचाना था, बल्कि जनता के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बनाना भी था। वैज्ञानिक जांच इस पूरे मामले की दिशा तय करेगी।
एनआईए और एफएसएल की टीमें हर साक्ष्य को वैज्ञानिक क्रम में दर्ज कर रही हैं। पास के मोबाइल टावर, रेडियो सिग्नल और संभावित ड्रोन-फ्रीक्वेंसी की जांच चल रही है। फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में धातु और विस्फोटक नमूनों की रासायनिक जांच के साथ माइक्रो-विश्लेषण किया जा रहा है। सरकार ने अन्य महानगरों को हाई अलर्ट पर रखा है।
यह विस्फोट इसलिए अत्याधुनिक कहा जा रहा है क्योंकि इसमें कई उन्नत तकनीकें और सामग्री एक साथ इस्तेमाल हुई प्रतीत होती हैं। इस्तेमाल किया गया विस्फोटक बेहद शक्तिशाली था, जो कम मात्रा में भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। डिवाइस की बनावट ने ऐसे टुकड़े फैलाए जो जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए थे। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि धमाका किसी सटीक समय और स्थान पर करने के लिए रिमोट या सेंसर-आधारित ट्रिगर से संचालित किया गया।
पूरी सच्चाई तब सामने आएगी जब सभी फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल विश्लेषण पूरे होंगे। तब यह तय होगा कि यह हमला स्थानीय साजिश थी या किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की सोची-समझी योजना। फिलहाल, दिल्ली समेत पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह मामला एक नई चुनौती बन गया है, जिसने शहरी सुरक्षा के तंत्र और तकनीकी तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। शाह ने कहा, शीर्ष एजेंसियां पूरी गहनता से जांच कर रही हैं और तह तक जाएंगी। गृह मंत्री शाह ने कहा, सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। किसी भी पहलू को खारिज नहीं किया गया है। जब उनसे पूछा गया, क्या यह आतंकी हमला है, तो उन्होंने कहा-फॉरेंसिक विशेषज्ञों और एनएसजी ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। जब तक इन नमूनों की जांच नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है।
जब तक एजेंसियां सारे सुबूतों का विश्लेषण नहीं कर लेतीं, हम किसी एंगल को खारिज नहीं कर रहे। शाह इससे पहले, एलएनजेपी अस्पताल भी गए और घायलों का हाल-चाल लिया। उन्होंने अस्पताल में ही पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा, अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। गृह मंत्री शाह ने बताया, दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी और एफएसएल की टीमों ने जांच शुरू कर दी है और धमाके के सभी तथ्यों का जल्द ही खुलासा होगा। घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री शाह से हालात की जानकारी ली। उन्होंने धमाके में मौतों पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि अपनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। पीएम ने कहा, पीड़ितों को प्रशासन सहायता मुहैया कराई जा रही है। गृहमंत्री एवं अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।
पुलिस के मुताबिक, किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस सीसीटीवी के जरिये कार का रूट पता लगाने की कोशिश कर रही है। मोबाइल डंप डाटा जुटाया जा रहा है।
धमाके के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दिल्ली मेट्रो, लाल किला, सरकारी इमारतों और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। इसको लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सीआईएसएफ के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी सुरक्षा कर्मियों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली मेट्रो स्टेशनों और हवाई अड्डे पर यात्रियों की तलाशी और निगरानी बढ़ा दी गई है। सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कर्मियों को तैयार रहने के निर्देश दिए।
