लखनऊ : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने तीन नवंबर 2025 को झांसी के बाबीना फील्ड फायरिंग रेंज में इंटीग्रेटेड मेन पैराशूट एयरड्रॉप टेस्ट (IMAT) सफलतापूर्वक पूरा किया। गगनयान मिशन के लिए पीरक्षण काफी जरूरी माना जा रहा है।
इस परीक्षण का उद्देश्य अंतरिक्ष यान के मुख्य पैराशूट सिस्टम को अत्यधिक परिस्थितियों में परखना था। इसरो ने बताया कि परीक्षण के दौरान पैराशूट ने तय मानकों के अनुसार प्रदर्शन किया और सभी सुरक्षा मापदंडों पर सफल साबित हुआ। यह परीक्षण भारतीय वायु सेना और एडीई (एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट) के सहयोग से किया गया।
गगयान के लिए अहम है ये पैराशूट लैंडिंग : यह परीक्षण गगनयान मिशन के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पैराशूट सिस्टम अंतरिक्ष यान के सुरक्षित लैंडिंग का प्रमुख हिस्सा है। इसरो के अनुसार, यह परीक्षण अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के दौरान इस्तेमाल होने वाले डीसेंट सिस्टम की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए किया गया।
अभी और भी होंगे परीक्षण : संगठन ने कहा कि आगामी महीनों में और भी परीक्षण किए जाएंगे ताकि 2026 में प्रस्तावित मानवयुक्त उड़ान से पहले सभी तकनीकी पहलुओं को परखा जा सके। इसरो के वैज्ञानिकों ने इसे “क्रिटिकल मिशन माइलस्टोन” बताया है जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष अभियान को और मजबूती देता है।
