नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए भीषण धमाके ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है, बल्कि एक नए तरह के व्हाइट कॉलर आतंकवाद को उजागर कर दिया है।
सुरक्षा एजेंसी इस मॉड्यूल से जुड़े चार डॉक्टरों समेत आठ आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से तीन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवा-ए-हिंद जैसे खतरनाक संगठनों से जुड़े हैं। सूत्रों के अनुसार, ये डॉक्टर देश की विभिन्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्रों का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे थे। अब इस नेटवर्क के तार लाल किला धमाके से सीधे जुड़ते दिख रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने लाल किला धमाके से एक दिन पहले आतंकी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब व प्रेमिका डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब प्रमुख है। वह अपनी प्रेमिका डॉ. शाहीन के साथ फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था।
तीसरा डॉक्टर अनंतनाग निवासी डॉ. आदिल अहमद है, जो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। ये तीनों मॉड्यूल के अन्य डॉक्टरों के साथ मिलकर एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। जांच में सामने आया है कि ये पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क में थे और यूनिवर्सिटी के मेधावी छात्रों को ऑनलाइन ब्रेनवॉश करा रहे थे।
सूत्र बताते हैं कि ये डॉक्टर छात्रों को जिहादी विचारधारा से लैस कर रहे थे। उन्हें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे महानगरों में बड़े हमलों की ट्रेनिंग दी जा रही थी। लाल किला धमाके का मुख्य संदिग्ध उमर मोहम्मद, जो पेशे से डॉक्टर है। बताया जा रहा है कि वह इन गिरफ्तार डॉक्टरों के सीधे संपर्क में था।
अब इस मामले में और गिरफ्तारियां तय मानी जा रही हैं। संयुक्त टीम कुछ और संदिग्ध डॉक्टरों और छात्रों पर नजर रखे हुई है। जांच में पता चला है कि कम से कम 20-25 मेडिकल छात्र इस नेटवर्क में भर्ती हो चुके थे। इनमें से कई धमाके से पहले उमर मोहम्मद के साथ दिल्ली में थे। एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि छात्रों को कब से भर्ती किया गया, उन्हें कैसे ट्रेनिंग दी गई और आगे कौन-से टारगेट थे।
