छत्तीसगढ़ : नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, ऑटोमैटिक हथियार बरामद

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बीजापुर : बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में सुबह 10 बजे से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ हुई। जानकारी के अनुसार अब तक 6 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। मौके से ऑटोमैटिक हथियार, इंसास रायफल, स्टेनगन, .303 रायफल, विस्फोटक सामग्री सहित भारी मात्रा में माओवादी सामग्री भी जब्त की गई है।

जानकारी के मुताबिक, माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने आज सुबह सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान नेशनल पार्क क्षेत्र में माओवादियों से मुठभेड़ शुरू हुई, जो सुबह 10 बजे से रुक-रुक कर जारी है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने मुठभेड़ स्थल से 6 माओवादियों के शव बरामद किए हैं।

मुठभेड़ स्थल से हथियारों और विस्फोटकों के साथ माओवादी सामग्री भी मिली है। पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, सुन्दरराज पी. ने कहा कि आज के अभियान का परिणाम, जिसमें 06 कुख्यात माओवादी कैडर मारे गए हैं, सुरक्षाबलों के लिए एक निर्णायक और महत्वपूर्ण बढ़त है। यह सफलता ऐसे समय में मिली है जब माओवादी संगठन नेतृत्वविहीन, दिशाहीन और मनोबलहीन स्थिति में अपने कुछ बचे हुए ठिकानों में सिमटकर रह गया है।  
डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर, सीआरपीएफ, सीएएफ पुलिस बल की अतिरिक्त टीमें आसपास के क्षेत्रों में भेजी गई हैं, ताकि अन्य फरार माओवादी कैडरों की घेराबंदी की जा सके। चूंकि ऑपरेशन अभी जारी है, इसलिए मुठभेड़ के स्थान, ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाबलों की संख्या तथा अन्य संवेदनशील जानकारी इस समय साझा नहीं की जा सकती, ताकि ऑपरेशन में लगे जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अभियान पूर्ण होने के पश्चात विस्तृत रिपोर्ट अलग से साझा की जाएगी।

माओवादी गतिविधियों के विरुद्ध वनांचल एवं अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्रों में चलाए जा रहे सतत एवं प्रभावी अभियानों के तहत जिला बीजापुर के तारलागुड़ क्षेत्र में  सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ अन्नाराम के घने जंगलों में उस समय हुई जब सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन पर निकले थे। सर्च अभियान के दौरान मुठभेड़ स्थल से एक घायल माओवादी को सुरक्षा बलों ने हिरासत में लिया है। घायल माओवादी का उपचार जारी है साथ ही, उससे पूछताछ भी की जा रही है। सुरक्षाबलों द्वारा पूरे क्षेत्र में सघन सर्चिंग अभियान जारी है ताकि अन्य माओवादियों की मौजूदगी का पता लगाया जा सके।

दूसरी ओर पिछले दिनों टॉप नक्सल कमांडर हिड़मा के मामले में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल अब असर दिखा रही है। सुकमा जिले के गहराई वाले नक्सल प्रभावित इलाके ग्राम पुवर्ती पहुँचकर डिप्टी सीएम ने हिड़मा की माँ से मुलाकात की और उन्हें बेटे को आत्मसमर्पण के लिए समझाया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से भी बातचीत की और कहा कि सरकार संवाद और विश्वास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।

जानकारी के मुताबिक, हिड़मा की माँ ने भी अपने बेटे को हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की सलाह दी है। विजय शर्मा ने बताया कि सरकार सभी भटके हुए युवाओं को सुधार और सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि हिड़मा के पास अब भी समय है, वह जल्द आत्मसमर्पण कर ले ताकि उसके लिए पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इस दौरान हिड़मा की मां ने भी अपने बेटे से वापस लौटने के लिये अपील की। कहा कि बेटा मुख्यधारा में लौट आओ। हम मजदूरी करके कमा खा लेंगे। अपने समाज और लोगों के बीच रह लेंगे। मैं बूढ़ी हो गई हूं , जगंल नहीं जा सकती। यदि जाती तो तुम्हें ढूंढकर जरूर लाती। वापस आ जाओ बेटा।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा की यह यात्रा चर्चा का विषय बन गई है। वे खुद बाइक से पुवर्ती गाँव पहुँचे और ग्रामीणों के बीच बैठकर भोजन किया। यह दौरा राज्य सरकार की उस मंशा को दर्शाता है, जिसमें प्रशासन नक्सल प्रभावित इलाकों तक सीधे संवाद स्थापित कर शांति और विकास का रास्ता चुन रहा है।