नई दिल्ली : दिल्ली में बम धमाके और फरीदाबाद में बरामद 2900 किलो विस्फोटक की जांच अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द की चल रही है। बुधवार को एनआईए, जम्मू कश्मीर पुलिस, यूपी एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल की अलग-अलग टीमें फरीदाबाद पहुंची।
इन टीमों ने यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचकर यहां के स्टॉफ व छात्रों से पूछताछ की। सुबह से अलग-अलग टीमें, अपना समय लेकर इन लोगों से यहां पूछताछ में जुटी हैं।
वहीं बुधवार को फरीदाबाद पुलिस को एक अन्य बड़ी कामयाबी मिली। दिल्ली धमाके में प्रयोग हुई आई20 कार के अलावा एक अन्य लाल रंग की दिल्ली नंबर की ईकोस्पोर्ट कार चर्चा में आई। ये दावा किया गया कि ये कार भी आतंकियों की आई20 कार के साथ ही दिल्ली में कई घंटे तक घूमती रही।
फरीदाबाद पुलिस ने बुधवार शाम लगभग साढ़े 6 बजे ये कार बल्लभगढ़ के खंदावली गांव से ढूंढ निकाली। पुलिस की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसी को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद शाम लगभग 7 बजे फोरेंसिक की टीम इस कार तक पहुंची।
फरीदाबाद पुलिस ने खंदावली गांव में ईदगाह के पीछे खाली जगह में खड़ी कार के आस-पास के पूरे इलाके को सील कर दिया और यहां किसी को आने नहीं दिया गया। फोरेंसिक टीम अब इस कार की जांच कर रही है कि कहीं इसमें कोई विस्फोटक या अन्य हथियार तो नहीं है। फोरेंसिक टीम की क्लियरेंस के बार ही इस कार को यहां से जब्त करने की कार्रवाई पुलिस टीम करेगी।
वहीं अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में कार्यरत डॉ. निसार-उल-हसन का नाम भी बुधवार को चर्चा में रहा। ये डॉक्टर यहां छात्रों को पढ़ाते भी थे। दिल्ली बम धमाके के बाद से ये डॉक्टर यूनिवर्सिटी परिसर से फरार बताए जा रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो साल 2023 में डॉ. निसार-उल-हसन को जम्मू कश्मीर में प्रोफेसर के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। राज्यपाल ने उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों के चलते बर्खास्त किया था।
इसके बावजूद उन्हें अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी मिलना बड़ा सवाल खड़ा करता है। डॉ. निसार-उल-हसन की बेटी भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।
बुधवार को यूनिवर्सिटी परिसर में मौजूद टीमों ने उनकी बेटी से भी कई घंटे तक पूछताछ की है। देर शाम तक उससे व यहां के अन्य डॉक्टरों व छात्रों से पूछताछ का दौर जारी है। वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से भी अपने बयान में कहा गया है कि उनके यहां कार्यरत दो डॉक्टरों को जांच एजेंसी ने हिरासत में लिया है। वे आगे भी जांच एजेंसी को पूरा सहयोग कर रहे हैं।
