नई दिल्ली : अगर आपने हाल ही में चैटजीपीटी का ब्राउजिंग मोड इस्तेमाल करके ऑनलाइन कुछ सर्च किया है, तो सावधान हो जाइए। संभावना है कि आपकी प्राइवेट चैट्स गूगल सर्च रिजल्ट्स पर लीक हो गई हैं। ये समस्या इस महीने की शुरुआत में सामने आई थी।
यह एआई सिस्टम लीक वेब ब्राउजरों पर सवाल खड़ा करती है कि वे उपयोगकर्ता के डाटा को कितना सुरक्षित रखते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि ब्राउजर हमारे ऑनलाइन जीवन का केंद्र हैं, जो संवेदनशील जानकारी जैसे लॉगिन की जानकारियां, वित्तीय डाटा और पर्सनल ब्राउजिंग हिस्ट्री को संभालते हैं।
सबसे पहले डेवलपर्स का ध्यान इस पर तब गया जब वो अपने गूगल सर्च कंसोल डैशबोर्ड देख रहे थे। TechCrunch की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें वहां सामान्य कीवर्ड्स की जगह पूरे वाक्य दिखाई दिए, ऐसे वाक्य जो लोगों ने चैटजीपीटी में टाइप किए थे। ये वाक्य काफी विस्तृत और बातचीत के लहजे में थे। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि चैटजीपीटी की कुछ चैट्स गूगल पर सर्च रिजल्ट में दिख रही हैं।
रिसर्चर जेसन पैकर और कंसल्टेंट स्लोबोडेन मैनिक ने इस मामले की जांच की। उनकी रिपोर्ट में पता चला कि यह डाटा लीक चैटजीपीटी के ब्राउजिंग मोड की वजह से हुआ था। कुछ मामलों में चैट्स “hints=search” नाम के टैग के साथ यूआरएल (URL) में जुड़ रही थीं।
गूगल ऐसे यूआरएल को अपने सिस्टम में अपने आप स्कैन और इंडेक्स कर लेता है, जिसकी वजह से ये प्राइवेट चैट्स गलती से कुछ वेबसाइट्स पर दिखने लगीं।
आर्स टेक्नीका की रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई ने इस समस्या की पुष्टि की और बताया कि यह गलती सिर्फ कुछ सर्च तक सीमित थी। कंपनी ने कहा कि अब गड़बड़ी ठीक कर दी गई है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह समस्या कितने समय तक रही या कितने यूजर्स इससे प्रभावित हुए।
अच्छी बात यह रही कि पासवर्ड या कोई निजी जानकारी लीक नहीं हुई। फिर भी, यह घटना यह दिखाती है कि एआई टूल्स इंटरनेट के सिस्टम्स से कितने नजदीकी तरीके से जुड़े होते हैं। यह पहली बार नहीं है जब चैटजीपीटी की डाटा सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हों।
इस साल की शुरुआत में भी यूजर्स ने देखा था कि शेयर किए गए चैट लिंक गूगल पर दिख रहे थे, जो उस समय की पब्लिक शेयरिंग सेटिंग्स की वजह से था। लेकिन इस बार की गड़बड़ी यूजर्स की गलती नहीं थी, बल्कि सिस्टम की तकनीकी समस्या थी, जो प्राइवेसी के लिहाज से ज्यादा चिंता की बात है।
भले ही ओपनएआई ने इस डाटा लीक की समस्या ठीक कर दी हो, लेकिन आप कुछ आसान कदम अपनाकर अपनी प्राइवेसी को और सुरक्षित बना सकते हैं, खासकर जब आप एआई टूल्स को इंटरनेट एक्सेस (वेब ब्राउजिंग) के साथ इस्तेमाल करते हैं
- अपनी चैट में कभी भी निजी या संवेदनशील जानकारी न डालें।
- एआई टूल्स का वेब एक्सेस फीचर इस्तेमाल करते समय प्राइवेट या इनकॉग्निटो मोड का उपयोग करें।
- ब्राउजिंग मोड सिर्फ तभी ऑन करें जब वाकई जरूरत हो।
- अपनी चैट हिस्ट्री को नियमित रूप से डिलीट करें ताकि आपका डाटा कहीं सेव या एक्सपोज न हो सके।
जैसे-जैसे एआई टूल्स इंटरनेट सिस्टम्स से जुड़े जा रहे हैं, वैसे-वैसे छोटी सी तकनीकी गलती भी डाटा लीक का कारण बन सकती है। इसलिए जब भी आप वेब से जुड़े एआई असिस्टेंट्स का इस्तेमाल करें तो हमेशा सावधान और जागरूक रहें।
