रांची : झारखंड के चर्चित घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में झामुमो के उम्मीदवार सोमेश सोरेन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए भाजपा प्रत्याशी रामदास सोरेन को लगभग 38,524 वोटों के अंतर से मात दी है। बड़े अंतर की इस जीत ने जहां झामुमो खेमे में नई ऊर्जा भर दी है, वहीं भाजपा के लिए यह परिणाम राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
मतगणना के शुरुआती रुझानों से ही झामुमो प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए थे, जो अंतिम चरण तक कायम रही। जीत की घोषणा के बाद घाटशिला में कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल देखा गया। ढोल-नगाड़ों, आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ झामुमो कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। तेजी से बदलते राजनीतिक माहौल के बीच घाटशिला सीट को हमेशा से रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है।
उपचुनाव में मतदान प्रतिशत भी संतोषजनक रहा और चुनाव के दौरान झामुमो तथा भाजपा के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। हालांकि दूसरे चरण के बाद से ही झामुमो की पकड़ मजबूत होती दिखी, जिसने अंततः बड़ी जीत का रूप ले लिया। विश्लेषकों के अनुसार, यह नतीजा झामुमो के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में मनोबल बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
जीत के बाद सोमेश चंद्र सोरेन ने जनता का धन्यवाद किया और कहा कि यह विजय विकास, विश्वास और जनता की अपेक्षाओं की जीत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा। यह परिणाम घाटशिला की राजनीति में नया अध्याय जोड़ते हुए झामुमो की स्थिति को और मजबूत करता है।
वहीं, झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि घाटशिला की जनता ने दिशोम गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है। सोमेश सोरेन को जनता ने खुले मन से आशीर्वाद दिया और विजयी बनाया है। वहां की जनता ने पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत नेता रामदास सोरेन के अच्छे कार्यों को देखते हुए सोमेश सोरेन को आशीर्वाद दिया है। बीजेपी ने शुरू से ही वहां पर नकारात्मक राजनीति करने का काम किया, जो प्रपंच रचने का काम किया उसे घाटशिला की जनता ने नकारने का काम किया है। उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर हमला करते हुए कहा कि इसे नकारात्मक सोच वाले नेता को बीजेपी के शीर्ष संगठन उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का काम करे।
