इंदौर : दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद जांच के घेरे में आई हरियाणा के फरीदाबाद की अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन के जावेद अहमद सिद्दीकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा खबर है कि जावेद अहमद सिद्दीकी के महू स्थित मकान पर बुलडोजर चल सकता है। छावनी परिषद की तरफ से दिए नोटिस में कहा गया है कि अगर तीन दिन में अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो छावनी परिषद एक्शन लेगा और इसे हटवाया जाएगा।
छावनी परिषद् महू द्वारा यह सूचित किया जाता है कि मकान नम्बर 1371, सर्वे नम्बर 245/1245, मुकेरी मोहल्ला में अनाधिकृत निर्माण किया गया है जिसमें विभाग द्वारा समय-समय पर अनाधिकृत निर्माण को हटाने हेतु पत्र दिनांक 23.10.1996 और छावनी अधिनियम 1924 की धारा 185 का नोटिस दिनांक 02.11.1996 और छावनी अधिनियम 1924 की धारा 256 का नोटिस दिनांक 27.03.1997 विभाग द्वारा जारी किये गये थे। परंतु मकान के कब्जाधारी के द्वारा अनाधिकृत निर्माण को हटाकर उसका पालन आज दिनांक तक नही किया गया है।
मकान के कब्जाधारी को निर्देशित किया जाता है कि इस सूचना के 03 दिवस के अन्दर उक्त अनाधिकृत निर्माण हटाकर कार्यालय को सूचित करे अन्यथा विभाग द्वारा उक्त अनाधिकृत निर्माण को छावनी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत आपके हर्जे खर्चे पर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले अल फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को ईडी ने मंगलवार को आतंकियों को वित्तीय मदद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी की जांच हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा अल-फलाह विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज की गई दो एफआईआर के बाद हुई है, जिसमें धोखाधड़ी और मान्यता दस्तावेजों से संबंधित कथित जालसाजी से संबंधित मामले शामिल हैं।
बता दें कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए बम विस्फोट के सिलसिले में कई डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में स्थिति अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आ गयी है, जिसमें 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। आत्मघाती हमलावर, कश्मीरी निवासी डॉ. उमर उन नबी इसी विश्वविद्यालय से जुड़ा था।
