गुवाहाटी : भारतीय टीम पर गुवाहाटी टेस्ट में हार का खतरा मंडरा रहा है। 549 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक दो विकेट गंवाकर 27 रन बना लिए हैं। यानी पांचवें और आखिरी दिन जीत के लिए भारत को 522 रन बनाने होंगे।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ है जब किसी टीम ने आखिरी ने 500 से अधिक रन बनाए हैं। भारत अगर किसी तरह मैच ड्रॉ कराने में भी सफल रहा तो वह सीरीज गंवा बैठेगा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले ही दो मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे चल रही है।
अब बुधवार को 90 ओवर का खेल यह फैसला करेगा कि भारत क्लीन स्वीप होगा या नहीं। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पहली पारी 201 रन पर सिमट गई थी। दक्षिण अफ्रीका ने भारत को फॉलोऑन नहीं खिलाते हुए दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और पांच विकेट पर 260 रन बनाकर पारी घोषित कर दी।
पहली पारी के आधार पर मिली 288 रन की बढ़त को मिलाकर कुल बढ़त 548 रन की हुई और भारत के सामने 549 रन का लक्ष्य रखा। स्टंप्स के समय कुलदीप यादव चार और साई सुदर्शन दो रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। दक्षिण अफ्रीका के लिए मार्को यानसेन और साइमन हार्मर को एक-एक सफलता मिली है।
विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही और ओपनिंग जोड़ी सस्ते में पवेलियन लौट गई। भारत को दूसरी पारी में दो झटके केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल के रूप में लगे। यशस्वी को मार्को यानसेन ने और राहुल को साइमन हार्मर ने आउट किया। यशस्वी 13 और राहुल छह रन बना सके। इसके बाद नाइटवॉचमैन के तौर पर कुलदीप यादव उतरे जिन्होंने साई सुदर्शन का साथ दिन के खेल की समाप्ति तक निभाया।
भारत के लिए इस मैच में जीत दर्ज कर पाना लोहे के चने चबाने जितना मुश्किल है। इतिहास को देखें तो भारत ने कभी एशियाई धरती पर 400 या इससे ज्यादा का लक्ष्य टेस्ट में हासिल नहीं किया है। ऐसे में अगर वह दो मैचों की सीरीज गंवाने से बचना चाहता है तो उसे रिकॉर्ड चेज सफलतापूर्ण हासिल करना होगा।
दिलचस्प बात यह है कि 2010 से टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ चार ही बार 400 या इससे अधिक रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया गया है। एशियाई धरती पर तो इतने रन का लक्ष्य अब तक असंभव रहा है। कोई भी टीम अब तक एशिया में टेस्ट में 400 या इससे अधिक रनों का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी है।
भारतीय धरती पर भारत का टेस्ट में सबसे सफल रन चेज इंग्लैंड के खिलाफ 2008 में चार विकेट पर 387 रन बनाना है। यानी भारत अगर दक्षिण अफ्रीका को इस मैच में हरा देता है तो यह टेस्ट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज होगा। हालांकि, भारत के पास आठ विकेट शेष हैं, ऐसे में अगर भारत को सीरीज हार से बचना है तो उसके बल्लेबाजों को पांचवें दिन असाधारण बल्लेबाजी का नमून पेश करना होगा।
पिच पर दरार पड़ गई हैं जिससे स्पिन गेंदबाजों को टर्न मिलना शुरू हो गया है। ऐसे में अगर भारत हार्मर एंड कंपनी के सामने मैच बचाने में सफल रहता है तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
भारतीय बल्लेबाजों के हाल के समय में स्पिनरों के सामने खराब रिकार्ड को देखते हुए ऐसी संभावना कम ही नजर आती है। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका के लिए ट्रिस्टन स्टब्स ने शानदार पारी खेली। इस युवा बल्लेबाज ने 180 गेंद का सामना करके 94 रन बनाए जिसमें नौ चौके और एक छक्का शामिल है। उन्होंने टोनी डि जॉर्जी (49) के साथ चौथे विकेट के लिए 101 रन और वियान मुल्डर (69 गेंद पर नाबाद 35) के साथ पांचवें विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी की।
डि जॉर्जी और स्टब्स ने मैच पर दक्षिण अफ्रीका की पकड़ और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। डि जॉर्जी ने चार चौके और एक छक्का लगाया। इन दोनों ने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कई स्वीप शॉट लगाए। जडेजा ने डि जॉर्जी को पगबाधा आउट करके उन्हें अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया।
पहली पारी में एक रन से अर्धशतक से चूकने वाले स्टब्स ने भारत के सबसे सफल गेंदबाज रवींद्र जडेजा पर छक्का जड़कर अपना स्कोर 90 रन के पार पहुंचाया, लेकिन इसी ओवर में स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में बोल्ड हो गए। इसके तुरंत बाद दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने पारी समाप्त घोषित कर दी। जडेजा ने 62 रन देकर चार विकेट लिए। वाशिंगटन सुंदर ने एक विकेट लिया।
