धनबाद : झारखंड में धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से प्रभावित क्षेत्र के निवासियों ने बीसीसीएल और जिला प्रशासन के विस्थापन प्रस्ताव को एक स्वर में खारिज कर दिया है। सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ग्रामीणों ने साफ कहा कि मर जाएंगे लेकिन, अपनी पुश्तैनी जमीन छोड़कर बेलगड़िया या करमाटांड नहीं जाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग कई पीढ़ियों से केंदुआडीह में बसे हुए हैं। उनका जीवन-यापन, रोजगार तथा सामाजिक ताना-बाना इलाके से जुड़ा हुआ है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें हटाने के बजाय बीसीसीएल प्रबंधन गैस निकालने और तकनीकी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए। प्रेस वार्ता में कहा गया कि उनकी रोजी-रोटी का साधन यहीं है। किसी अन्यत्र स्थान पर जाकर वह लोग कैसे जिएंगे, विस्थापन कोई समाधान नहीं है, बीसीसीएल को गैस रिसाव रोकने के लिए अत्याधुनिक साधन का प्रयोग करना चाहिए। इस दौरान लोगों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया और स्पष्ट चेतावनी दी कि वे केंदुआडीह छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
इधर, बीसीसीएल और जिला प्रशासन पुनर्वास प्रक्रिया को तेज कर दिया है। JRDA टीम ने राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, नया धौड़ा आदि क्षेत्रों में बेलगड़िया की सुविधाओं वाला पर्ची बांटा, जिसमें 99 साल की लीज पर घर देने का वादा है। हालांकि स्थानीय लोगों ने पर्ची लेने से भी इंकार कर दिया और दोहराया कि वे किसी भी स्थिति में अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
