नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में हवा की दिशा बदलने से प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है। ऐसे में सोमवार सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। वहीं, आसमान में स्मॉग की हल्की चादर भी दिखाई दी। इसके चलते दृश्यता भी कम रही। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। साथ ही, सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 314 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें रविवार की तुलना में छह सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई।
एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 330 दर्ज किया गया, यह बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, गाजियाबाद में 309, ग्रेटर नोएडा में 302 और गुरुग्राम में 278 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 203 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 17.58 फीसदी रही। इसके अलावा आवासीय इलाकों से 4.29, निर्माण गतिविधियों से 2.49 और पेरिफेरल उद्योग से 8.42 फीसदी की भागीदारी रही। सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 20 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 900 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, दोपहर एक बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 250.2 और पीएम2.5 की मात्रा 138.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
गुरुवार तक राहत नहीं : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।
