नई दिल्ली : नई रिसर्च में Astronomers ने अंतरिक्ष में दो ऐसे पिंड खोज निकाले हैं जिनकी तस्वीर ले पाना बहुत मुश्किल माना जाता था. सुबारू टेलीस्कोप की हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग और ESA के दो मिशनों Hipparcos और Gaia के डाटा ने मिलकर इन छिपी दुनिया को सामने लाया है.
OASIS यानी Observing Accelerators with SCExAO Imaging Survey प्रोजेक्ट उन तारों को ढूंढता है जिनकी चाल में हल्की-सी अनियमितता दिखती है. यह अनियमितता बताती है कि उस तारे के आसपास कोई अदृश्य भारी पिंड मौजूद है. Gaia और Hipparcos से संदिग्ध तारों की पहचान की जाती है. इसके बाद सुबारू टेलीस्कोप के SCExAO सिस्टम से उस तारे की सीधी इमेज ली जाती है. यह सिस्टम तारे की रोशनी को काफी हद तक कम कर देता है जिससे उसके पास छिपा ग्रह नजर आ सकता है.
पहली खोज एक बड़े गैस जायंट ग्रह की है, जिसे HIP 54515 b नाम दिया गया है. यह पृथ्वी से 271 लाइट ईयर दूर Leo नक्षत्र में स्थित है. इसका द्रव्यमान हमारे जूपीटर से लगभग 18 गुना ज्यादा है. तारा और ग्रह जब पृथ्वी से देखे जाते हैं तो बहुत करीब दिखते हैं, यह इतना करीब दिखते हैं कि जैसे 100 किलोमीटर दूर से एक बेसबॉल को देखना. SCExAO की तेज और साफ इमेजिंग के कारण इस ग्रह को सीधे देखना संभव हो पाया.
दूसरी खोज एक ब्राउन ड्वार्फ की है, यह एक ऐसा खगोलीय पिंड जो तारे जैसा बनता है लेकिन उसके भीतर nuclear fusion शुरू नहीं हो पाता है. बता दें कि इसका द्रव्यमान 60 बृहस्पति ग्रह के बराबर है. यह पृथ्वी से 169 प्रकाश-वर्ष दूर Bootes नक्षत्र में स्थित है.
HIP 71618 B की खोज सबसे खास इसलिए है क्योंकि यह NASA के Roman Space Telescope की नई तकनीकों की टेस्टिंग के लिए बिल्कुल सही है. Roman टेलीस्कोप एक खास coronagraph सिस्टम का परीक्षण करेगा जो भविष्य में पृथ्वी जैसे बेहद धुंधले ग्रहों को सीधे फोटो खींचने में मदद करेगा जो अपने तारों से 10 अरब गुना कम चमकीले होते हैं. HIP 71618 B का तारा पर्याप्त चमकीला है.
साथ ही ब्राउन ड्वार्फ सही दूरी पर है बता दें कि Roman की वेवलेंथ पर यह तारे से काफी धीमा और कंट्रास्ट में बिल्कुल सही है और इन सभी मानकों पर फिट बैठता है यह खोज NASA के मिशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
बता दें कि OASIS) प्रोजेक्ट की ये शुरुआती खोजें दिखाती हैं कि अगर हम अंतरिक्ष से लिए गए सटीक मापों को जमीन पर बनी एडवांस इमेजिंग के साथ मिला दें तो हम ऐसे ग्रह और ब्राउन ड्वार्फ (तारे और ग्रह के बीच के पिंड) भी खोज सकते हैं जो अभी तक पूरी तरह से छिपे हुए थे.
