जम्मू : उधमपुर जिले में मजालता के जंगल में सोमवार शाम मुठभेड़ में पुलिस का एक जवान बलिदान हो गया। एक आतंकवादी के घायल होने की भी सूचना है। अंधेरा होने के चलते देर रात तक गोलीबारी रुकी हुई थी लेकिन सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है। छिपे हुए आतंकवादियों को खत्म करने के लिए आसपास के सभी रास्तों को सील कर दिया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मजालता के सोआन गांव में सुरक्षाबलों को आतंकी होने के इनपुट मिले थे। ये गांव घने जंगल क्षेत्र में है। सूचना थी कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन आतंकी छिपे हैं और ये एक घर में जबरन घुसकर खाना ले जाते हैं। इसके आधार पर पुलिस के एसओजी ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ चिह्नित इलाके में तलाशी अभियान चलाया। खुद को घिरा देख आतंकियों ने भाग निकलने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने इस पर जवाबी कार्रवाई।
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ शाम करीब 6 बजे हुई और कुछ ही देर तक चली। इसमें एसओजी का एक जवान बलिदान हो गया। उन्होंने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकवादी के भी घायल होने की सूचना है। अंधेरा होने के चलते ऑपरेशन रात भर के लिए रोक दिया गया है। मंगलवार को दिन की पहली रोशनी के साथ इसे फिर से शुरू किया जाएगा। घेराबंदी को मजबूत करने और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया है।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी ने कहा कि दूरदराज के इस गांव में आतंकवादियों के बारे में पुलिस को सटीक जानकारी मिलने के बाद तलाशी अभियान चलाया गया है। अभियान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एसओजी की एक बहुत छोटी टीम ने आतंकवादियों को घेर रखा है। अंधेरा और मुश्किल इलाका होने के कारण जंगल में तलाशी अभियान में बाधा आई है।
सूत्रों ने बताया कि गांव के एक घर में कुछ संदिग्ध जबरदस्ती घुस रहे थे। ये संदिग्ध परिवार को बंधक बनाकर खाना खाते और इसे पैक करार भी अपने साथ ले जाते थे। पिछले कई दिनों से ये संदिग्ध परेशान कर रहे थे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। इसके बाद सुरक्षाबलों के साथ मिलकर एक दिन पहले ही घर के बाहर घेराबंदी शुरू कर दी गई थी। सोमवार को एक बार फिर संदिग्ध उस घर में पहुंचे। इसी दौरान मुठभेड़ हो गई।
पिछले साल भी इसी इलाके के मोटो गांव के पास भी आतंकी दिखे थे। तब भी सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेरा था लेकिन घना जंगल होने के चलते आतंकी भाग निकले थे। इस क्षेत्र की सीमा कठुआ और सांबा जिले से लगती है। जंगल दोनों जिलों में फैला है और इस क्षेत्र में पहले भी संदिग्ध देखे जाते रहे हैं।
