पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा हिजाब विवाद अब राज्य की सीमा लांघकर राष्ट्रीय बहस का रूप ले चुका है। एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब हटाने की घटना के बाद नुसरत ने बिहार छोड़ दिया है। वे अब अपने परिवार के पास कोलकाता चली गई हैं। फिलहाल बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करने का फैसला किया है।
15 दिसंबर को हुई इस घटना के अगले ही दिन नुसरत बिहार से रवाना हो गई थीं। उन्हें 20 दिसंबर को सरकारी सेवा में योगदान देना था, लेकिन मानसिक आघात के कारण उन्होंने खुद को इसके लिए तैयार नहीं पाया। नुसरत का कहना है कि मुख्यमंत्री का इरादा जो भी रहा हो, लेकिन सार्वजनिक मंच पर जो हुआ, उसने उन्हें गहरी पीड़ा पहुंचाई। नुसरत परवीन ने कहा कि उन्होंने स्कूल से लेकर कॉलेज तक हिजाब में रहकर पढ़ाई की है। यह उनकी व्यक्तिगत आस्था और पहचान का हिस्सा रहा है।
मैं यह नहीं कह रही कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर ऐसा किया, लेकिन वहां बहुत सारे लोग थे, कुछ हंस भी रहे थे। उनके पिता और भाई दोनों ने भरोसा दिलाया है कि परिवार हर स्थिति में उनके साथ खड़ा है। यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं रहा। विपक्ष इसे महिला सम्मान और अल्पसंख्यक अस्मिता से जोड़कर देख रहा है, जबकि सत्तापक्ष विवाद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने का आरोप लगा रहा है। फिलहाल नुसरत परवीन कोलकाता में हैं।
