धनबाद : शहर के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम कार्यालय के सामने लगी कवि विद्यापति की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया। जिसके बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई है। मामले की जानकारी मिलने पर जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह भी मौके पर पहुँची। वही विद्यापति की मूर्ति के हाथ को अज्ञात लोगों ने तोड़कर फेक दिया है। मौक़े पर जिला परिषद शारदा सिंह ने बताया कि असामाजिक तत्वों के द्वारा मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया है। साथ ही मौके पर से शराब की बोतलें भी बरामद हुई है। जानकारी के अनुसार कुछ माह पूर्व ही कवि विद्यापति की मूर्ति का उद्घाटन किया गया था।
बताते चले कि विद्यापति (1352-1448 ई) मैथिली और संस्कृत कवि, संगीतकार, लेखक, दरबारी और राज पुरोहित थे। वह शिव के भक्त थे, लेकिन उन्होंने प्रेम गीत और भक्ति वैष्णव गीत भी लिखे। उन्हें ‘मैथिल कवि कोकिल’ (मैथिली के कवि कोयल) के नाम से भी जाना जाता है। विद्यापति का प्रभाव केवल मैथिली और संस्कृत साहित्य तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अन्य पूर्वी भारतीय साहित्यिक परम्पराओं तक भी था।
