बांग्लादेश में बढ़ा बवाल, बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी

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नई दिल्ली : बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद शुरू हुई हिंसा लगातार जारी है। राजधानी ढाका में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। इस बीच उस्मान हादी को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए।

उस्मान हादी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों की सबसे बड़ी मांग है कि हत्यारों को सजा दी जाए। इसके साथ ही गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग भी तेज हो गई है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी को गोली मारे जाने के एक हफ्ते बाद भी हत्यारों को पकड़ा नहीं जा सका है।

बांग्लादेश में जारी हिंसा और बवाल के बीच मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि उस्मान हादी को कभी भुलाया नहीं जाएगा और वह राष्ट्र के लिए छोड़ी गई अपनी सीखों के माध्यम से जीवित रहेंगे। यूनुस ने पहले कहा था हादी के हत्यारों के खिलाफ कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी।

उस्मान हादी को दफनाने के बाद उनके समर्थको ने यूनुस सरकार को धमकी दी है। हादी के समर्थकों ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। दौरान समर्थकों ने यूनुस सरकार को कहा है कि अगर 24 घंटे के अंदर हादी के सभी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तो बड़ा आंदोलन होगा।

इंकलाब मंच से जुड़े हादी के करीबी सहयोगी अब्दुल्ल अल जबेर ने कहा है कि सरकार को अगले 24 घंटों में सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा कि हादी की हत्या के जिम्मेदार कौन हैं, अब तक क्या जांच हुई है और गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। जबेर ने कहा, “अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो हम बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने हादी को कट्टरपंथी बताया और आरोप लगाया कि यूनुस सरकार हिंसा भड़काकर चुनाव टालना चाहती है। यूनुस ने हिंसा की निंदा की और हत्यारों को सजा दिलाने का वादा किया। विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव से पहले नई अस्थिरता पैदा हो सकती है।

बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीजा आवेदन केंद्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार, सिलहट मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त (मीडिया) सैफुल इस्लाम ने कहा कि सुरक्षा के कड़े उपाय इसलिए किए गए हैं ताकि कोई तीसरा पक्ष स्थिति का फायदा न उठा सके।