‘भारत का लोकतंत्र वैश्विक संपत्ति, संस्थाओं पर हमले कर रही भाजपा..’, बर्लिन में बोले राहुल गांधी

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बर्लिन : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उस संविधान को ‘खत्म करने की’ बात कर रही है, जो सभी को समान अधिकार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष एक ऐसा प्रतिरोध तंत्र तैयार करेगा, जो आखिरकार भाजपा को सत्ता से हटाने में कामयाब होगा।

पिछले सप्ताह बर्लिन के हर्टी स्कूल में दिए गए अपने संबोधन में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश की संस्थाओं पर हमला कर अपने राजनीतिक हितों के लिए उन पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और विपक्ष इसी के खिलाफ लड़ रहा है। सोमवार को कांग्रेस की ओर से जारी एक घंटे के वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत एक वैश्विक संपत्ति है और भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला वैश्विक लोकतंत्र पर हमला है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हर्टी स्कूल के छात्रों से बातचीत में कहा कि भाजपा मूल रूप से संविधान को खत्म करने की सोच रही है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है राज्यों के बीच समानता के विचार को खत्म करना, भाषाओं और धर्मों के बीच समानता को खत्म करना और संविधान के उस मूल सिद्धांत को खत्म करना जिसमें हर व्यक्ति को समान महत्व दिया गया है।
‘पॉलिटिक्स इज द आर्ट ऑफ लिसनिंग’ शीर्षक वाले वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, ‘हम विपक्ष के प्रतिरोध का एक तरीका और एक व्यवस्था बनाएंगे, जो सफल होगी। लेकिन हम भाजपा से नहीं लड़ रहे हैं, हम भारतीय संस्थागत ढांचे पर उनके कब्जे के खिलाफ लड़ रहे हैं।’

छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि देश की संस्थाओं को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि भारत की चुनावी व्यवस्था में समस्या है। दूसरा, हमारी संस्थाओं पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है। देश की संस्थाओं पर बड़े पैमाने पर हमला हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ऐसा माहौल बन गया है, जहां संस्थाएं वह भूमिका नहीं निभा पा रही हैं, जो उन्हें निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जहां यूरोप ने यूरोपीय संघ बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया, वहीं भारत ने 1947 में संविधान के आधार पर एक आर्थिक और राजनीतिक संघ खड़ा किया। राहुल गांधी ने कहा, अगर दुनिया में लोकतंत्र पर कोई भी चर्चा होगी, तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए मैं कहता हूं कि भारतीय लोकतंत्र सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की संपत्ति है।