झारखंड : 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की तैयारी पूरी

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रांची : झारखंड में मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को और सख्त कर दिया गया है। राज्य में लगभग 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की तैयारी पूरी हो चुकी है और संभावना है कि फरवरी माह से SIR के दूसरे चरण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। 

पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर आईडी बनाए जाने की शिकायतों के बाद भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने झारखंड सहित सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची हर हाल में सही, भरोसेमंद और विवाद से परे होनी चाहिए।

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, जिन मतदाताओं को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, उन्हें अपनी पात्रता से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करने होंगे। इसमें पिछली SIR प्रक्रिया के दौरान की गई मैपिंग से जुड़े प्रमाण भी शामिल हो सकते हैं। सभी दस्तावेजों को बूथ लेवल ऑफिसर ऐप के माध्यम से अपलोड किया जाएगा।

दस्तावेज अपलोड होने के बाद ERO स्तर पर उनकी गहन जांच की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि दस्तावेज प्राप्त होने के पांच दिनों के भीतर सत्यापन प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होगा। पूरी प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में संचालित की जाएगी।

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों को पत्र भेजकर आयोग के ताजा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्यभर में मतदान केंद्रों और उनके क्षेत्रों की जियो-फेंसिंग कराई जा रही है, जिससे मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता और मजबूत हो सके।
के. रवि कुमार ने कहा कि कम मैपिंग वाले क्षेत्रों में वोटर आउटरीच प्रोग्राम चलाकर मतदाताओं की सहभागिता बढ़ाई जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एक भी योग्य मतदाता छूटने न पाए और अधिक से अधिक मतदाताओं को पिछली गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की मतदाता सूची से मैपिंग कराना सुनिश्चित किया जाए।