नई दिल्ली : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के कई नेताओं ने शोक प्रकट किया है। पीएम मोदी ने 2015 में खालिदा जिया के साथ हुई मुलाकात की तस्वीर साझा कर द्विपक्षीय संबंधों में उनके योगदान को रेखांकित किया। खालिदा जिया के निधन पर पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं ने क्या कुछ कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर शोक जताया। उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में उनकी भूमिका का जिक्र करते हुए करीब 10 साल पहले हुई पहली मुलाकात की स्मृतियां भी साझा कीं। पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर साल 2015 में खालिदा जिया के साथ हुई मुलाकात और बातचीत की तस्वीरें साझा कर पूर्व प्रधानमंत्री के चाहने वालों और परिजनों के लिए संबल की कामना भी की। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कुछ कहा? नीचे पढ़िए उनका शोक संदेश
‘परिवार और बांग्लादेश के समस्त जनमानस के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं’ : पीएम मोदी ने लिखा, ‘ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के समस्त जनमानस के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुखद घड़ी को सहने की शक्ति प्रदान करें।’
2015 में सौहार्दपूर्ण मुलाकात, आशा है दूर दृष्टि और विरासत से मार्गदर्शन होगा : दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में उनके योगदान पर पीएम मोदी ने लिखा, ‘बांग्लादेश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में बांग्लादेश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई उनकी सौहार्दपूर्ण मुलाकात याद है। हम आशा करते हैं कि उनकी दूरदृष्टि और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी दिशा देती रहेगी।उनकी आत्मा को शांति मिले।’
खालिदा जिया के निधन पर उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहीं शेख हसीना ने भी शोक प्रकट किया। उन्होंने बीएनपी की पूर्व अध्यक्ष को देश के राजनीतिक इतिहास का महत्वपूर्ण व्यक्ति बताया। हसीना ने कहा, बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में लोकतंत्र की स्थापना के संघर्ष में उनकी भूमिका को याद किया जाएगा। राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए हसीना ने कहा, जिया की मृत्यु बांग्लादेश की राजनीति और बीएनपी के नेतृत्व के लिए एक गहरा नुकसान है।
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार क्या बोले : पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भी शोक प्रकट किया। उन्होंने देश में तीन दिन के राजकीय शोक का भी एलान किया। यूनुस ने टीवी पर प्रसारित एक संदेश में कहा, नमाज-ए-जनाजा और पूरे देश में शोक के दौरान अनुशासन और कानून-व्यवस्था बनाए रखें। उन्होंने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर, मैं तीन दिनों के राजकीय शोक और कल उनकी नमाज-ए-जनाजा (सुपुर्द-ए-खाक करते समय पढ़ी जाने वाली नमाज) के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करता हूं।’
लंबे समय से बीमार थीं पूर्व प्रधानमंत्री, ढाका में ली अंतिम सांस : बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। 17 साल बाद लंदन से बांग्लादेश लौटे उनके बेटे रहमान अब उनकी राजनीतिक विरासत संभालेंगे। उन्होंने हाल ही में फरवरी, 2026 में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन भी दाखिल किया है।
राजनीति की दुनिया में दमदार किरदार : गौरतलब है कि साल 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं खालिदा जिया ने 2001 से 2006 के बीच दूसरी बार भी देश की बागडोर संभाली। खालिदा जिया के पति जिया उर रहमान साल 1977 से लेकर 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने ही 1978 में बीएनपी पार्टी की शुरुआत की थी।
पाकिस्तान से करीबी और कट्टरपंथ : खालिदा जिया ने जब दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री पद संभाला, उस समय बीएनपी के साथ गठबंधन में जमात-ए-इस्लामी भी शामिल थी, जिसे परंपरागत तौर पर पाकिस्तान से करीबी और कट्टरपंथ के लिए जाना जाता है।बीएनपी की दशकों पुरानी भारत विरोधी नीति इस दौरान और मुखर हुई। इस दौरान भारत विरोधी आतंकवादियों और अलगाववादियों के लिए बांग्लादेश सुरक्षित पनाहगाह बन गया। यह वह दौर था, जब भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों में हिंसा और उग्रवाद बढ़ा था।
