रांची : झारखंड में हुए भूमि घोटाले के तार आतंकी फंडिंग से जुड़े हैं। दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। ईडी ने 26 अगस्त को एक व्यक्ति बबलू खान को पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं एनआईए ने सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के घर पर छापेमारी की।
झारखंड भूमि घोटाले की जांच कर रही ईडी को पता चला है कि बबलू खान झारखंड भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों अफसर अली और तल्हा खान का रिश्तेदार है। सूत्रों ने कहा कि अफसर अली रांची स्थित रिम्स का एक कर्मचारी है। ईडी ने आरोप पत्र में कहा था कि अफसर अली भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड में से एक था। अफसर जमीनों के अवैध तरीके से अधिग्रहण के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने में शामिल है।
झारखंड पुलिस ने हाल ही में अल-कायदा के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि मॉड्यूल रांची के डॉ. इश्तियाक के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा था और देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में था। ईडी को दस्तावेजों से पता चला है कि रांची के बरियातू इलाके में स्थित एक नर्सिंग होम के माध्यम से बबलू खान के तार भी इश्तियाक से जुड़े हुए हैं।
ऐसे में भूमि घोटाले में आतंकी फंडिंग होने की आशंका है। झारखंड के भूमि घोटाले को लेकर ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि झारखंड में भू-माफियाओं का एक गिरोह सक्रिय है, जो गरीबों और वंचितों की जमीनें हड़प कर और कोलकाता वे रांची में उसके जाली रिकॉर्ड बनाकर अन्य व्यक्तियों को बेच देता था। झारखंड राजस्व विभाग का पूर्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद घोटाले का मुख्य आरोपी है। मामले में ईडी उसकी गिरफ्तारी कर चुकी है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। भूमि घोटाले के इन मामलों में एक मामला झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भी है, जिसमें ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है
वहीं एनआईए ने झारखंड में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों में तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि यह तलाशी जुलाई 2022 में झारखंड के चाईबासा जिले के आनंदपुर इलाके में सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेताओं को संबोधित आपत्तिजनक पत्रों की बरामदगी के सिलसिले में की गई थी। एनआईए ने अगस्त 2023 में नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शुक्रवार को झारखंड के चाईबासा में तीन स्थानों पर तलाशी ली गई। संदिग्ध नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने में प्रतिबंधित संगठन के वरिष्ठ नेतृत्व की सहायता कर रहे थे।