गोपालगंज-NewsXpoz : बिहार के गोपालगंज में एक डॉक्टर की कार से एक किशोर का शव मिला है। शव की पहचान मोतिहारी जिले के केसरिया थाना क्षेत्र के ताजपुर पटखौलिया गांव निवासी रामाधार पंडित के पुत्र कृष्ण कुमार (14) के रूप में की गई है। शव मिलते ही लोग हंगामा करने लगे। लोगों ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। जिस डॉक्टर के कार से शव बरामद हुआ है वह डॉक्टर जे जे शरण है।
बेटे की लाश डॉक्टर के कार से मिली : घर पर काम करने वाले 14 वर्षीय किशोर का शव मिला है। बताया गया कि किशोर डॉक्टर जे जे शरण के पास बीते दो साल से रहता था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने घटना के संबंध में परिजनों का कहना है कि डॉक्टर जे जे शरण ने गुरुवार की दोपहर कृष्ण कुमार के पिता से फोन कर बेटे को ले जाने के लिए कहा। रामाधार पंडित ने समय के अभाव के कारण नहीं आने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि आप उसको भेज दीजिये। फिर डॉक्टर जे जे शरण का कॉल आया और यह जानकारी दी कि कृष्ण कुमार ने कुछ कर लिया है, जिस वजह से उसकी मौत हो गई है। मौत की जानकारी मिलते ही परिजन मोतिहारी से सीधे डॉक्टर के घर पहुंचे, जहां शव को देखते ही परिजन आक्रोशित हो गए।
गांव के शख्स ने बेटे को डॉक्टर के पास रखवाया था : मृतक के पिता का कहना है कि मेरे गांव के ही एक व्यक्ति ने दो साल पहले मेरे बेटे कृष्ण कुमार को डॉक्टर के पास रखवाया था। छह माह तक डॉक्टर के यहां रहने के बाद वह वापस घर आ गया, जिसे डॉक्टर ने फिर से बुला लिया। तब से वह यही रहता था। रामाधार पंडित ने बताया कि हम लोग भी उसे इसलिए छोड़ दिए थे कि डॉक्टर पढ़ा-लिखा कर उसे अच्छा आदमी बना देंगे। अब मेरे बेटे की लाश डॉक्टर के कार से मिली है।
डॉक्टर ने दी दलील,कहा नशा करता था लड़का, आज ही पता चला : घटना के संबंध में आरोपी डॉक्टर का कहना है कि कृष्ण कुमार मेरी पत्नी के साथ घर पर रहता था। वह नशे का आदी हो गया था। पत्नी का फोन आया कि कृष्ण कुमार की तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद देखा कि उसके पेट में दर्द था। उसका खुद मैंने इलाज भी किया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसे कार में रखकर अपने घर ले जा रहा था तभी मृतक के परिजन आ गये और हंगामा करने लगे। डॉक्टर ने कहा कि हम लोग उससे कोई काम नहीं करवाते थे। मैडम के साथ ही रहता था। उसके नशा के बारे में मुझे बाद में पता चला।