रांची : झारखंड की राजधानी रांची में विजयदशमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में बुराई के प्रतीक रावण का पुतला दहन किया गया. इस साल पंजाबी हिंदू बिरादरी रांची की ओर से रावण दहन के लिए 70 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया था, जिसका दहन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया.
शनिवार को मोरहाबादी में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम से पहले राम दरबार सजा. मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भगवान श्री राम, माता जानकी सीता, लक्ष्मण और हनुमान को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारी. मुख्यमंत्री के बाद केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, रांची के विधायक सीपी सिंह ने भी राम दरबार की आरती उतारी.
इसके बाद मुख्यमंत्री को पगड़ी पहनाकर, चुनरी ओढ़ाकर, मोमेंटो यानी स्मृति चिह्न देकर उनका स्वागत किया गया. संजय सेठ, सीपी सिंह का भी पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से स्वागत किया गया. स्वागत समारोह के बाद रामलीला का संक्षिप्त मंचन किया गया, जिसमें रावण वध की झांकी दिखाई गई.
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची और झारखंड के सभी लोगों को दशहरा की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि रावण दहन से राज्य और देश को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान से एक संदेश जाएगा. उन्होंने कहा कि रावण दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह संदेश देता है कि असत्य पर हमेशा सत्य की विजय होती है.
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि भगवान श्रीराम ने एक संदेश दिया था. आज भी वह संदेश ब्रह्मांड में गूंज रहा है. हमें रावण दहन के अवसर पर इस बात का संकल्प लेना होगा कि हम भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करें.
इससे पहले 5 मिनट से अधिक देर तक शानदार आतिशबाजी हुई. रावण दहन से पहले भगवान हनुमान ने सोने की लंका का दहन किया. इसके बाद रांची के विधायक सीपी सिंह ने मेघनाद के पुतले का दहन किया. फिर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने कुंभकर्ण और सबसे अंत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रावण के पुतले का दहन किया.
इस दौरान मंच से लेकर ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के नारे लगाए. पंजाबी हिंदू बिरादरी रांची के अध्यक्ष ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के समापन के बाद दशहरा कमेटी के अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन किया.