नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों के द्वारा दिवाली मनाने का विरोध करने से बवाल खड़ा हो गया है। खबर है कि मंगलवार शाम को जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र विश्वविद्यालय परिसर में ही दिवाली मना रहे थे। जामिया दीपोत्सव 2024 नाम के इस कार्यक्रम में रंगोली और दीपोत्सव का कार्यक्रम रखा गया था।
लेकिन जब छात्र दिवाली मना रहे थे, उसी समय बाहर से आए कुछ लोगों ने छात्रों के दिवाली मनाने का विरोध किया। आरोप है कि बाहर से आए लोगों ने गाड़ी चढ़ाकर दिवाली के दिए तोड़ दिए और रंगोली को खराब कर दिया। कुछ छात्रों की पिटाई भी किए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि इस दौरान कुछ लोग ‘फलिस्तीन जिंदाबाद’ के नारे भी लगा रहे थे।
जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि यूनिवर्सिटी दिवाली के अवकाश के लिए बंद हो रही थी। छात्रों के जाने से पहले उन लोगों ने दिवाली मनाने का निर्णय किया था। इसी क्रम में आज यूनिवर्सिटी परिसर में दिवाली मनाई जा रही थी। यूनिवर्सिटी के गेट नंबर सात के पास गुलिस्तान-ए-गालिब में दिवाली कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति ली गई थी और इस कार्यक्रम में कुछ प्रोफेसरों को आमंत्रित भी किया गया था।
अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में एक हजार दीपक जलाया था। इसमें कई मुस्लिम छात्रों-छात्राओं ने भी सहयोग किया था। विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने ही दीपक जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की थी। दीपक जलाने के बाद परिसर में मिठाई बांटी गई और सब कुछ बेहद शांतिपूर्वक चल रहा था।
लेकिन आरोप है कि शाम लगभग 6:30 बजे जामिया में पढ़ने वाले कुछ छात्र और बाहर से आए कुछ लोगों ने कार्यक्रम के बीच आकर हंगामा खड़ा करना शुरू कर दिया। पहले उन्होंने पैरों से मारकर दीपक तोड़ दिए और रंगोली खराब कर दी, इसके बाद दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल एक वर्ग विशेष की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की गई। महिलाओं को विशेष तरीके के धार्मिक ड्रेस पहनकर आने के लिए भी कहा गया। छात्रों का आरोप है कि बाहर से आए छात्रों ने एक वर्ग विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की और जमकर नारेबाजी और हंगामा किया।
पीड़ित छात्रों का आरोप है कि जिस समय यह घटना घटी थी, ठीक उसी समय विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर और गार्डों के साथ-साथ अनेक पदाधिकारी मौजूद थे। लेकिन इसके बाद भी छात्रों को नहीं रोका गया। छात्रों के द्वारा दीपक तोड़ने का विरोध करने पर कुछ छात्रों की पिटाई भी की किए जाने का आरोप है।
मामला बिगड़ते देख स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने कार्रवाई की और विवादित लोगों को घटनास्थल से दूर हटाया। लेकिन दिवाली कार्यक्रम में हुए इस गतिरोध से छात्रों में गहरी नाराजगी है। घटना को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर चुप्पी साध ली है। घटना में कुछ छात्रों को चोट आई है।
एक छात्र ने बताया है कि जब इस घटना के संदर्भ में उन्होंने पुलिस से संपर्क किया तो उन्होंने सबसे पहले विश्वविद्यालय के स्तर पर इसको देखने के लिए कहा। बुधवार को पीड़ित छात्र यूनिवर्सिटी प्रशासन के लोगों से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। इसके बाद आरोपी छात्रों के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। इस खबर पर अभी जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी या पुलिस की कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है।
जामिया विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र सत्य प्रकाश मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में इस तरह की घटना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस गालिब परिसर में यह घटना घटी है, वह हिंदू-मुस्लिम एकता के मंच के तौर पर देखी जाती रही है, लेकिन बदलते माहौल में कुछ लोग जामिया से उसकी यह पहचान छीन लेना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों से जामिया का गौरव याद करते हुए किसी अभद्र कार्रवाई में शामिल होने से बचने की अपील की है।
दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि दिवाली को लेकर आज जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों में ज्यादा झड़प हुई है। छात्रों को तितर बितर कर दिया गया था। कुछ छात्र अस्पताल भी गए थे उन्होंने बताया के मंगलवार देर रात तक पुलिस को ना तो कोई शिकायत मिली है और ना ही कोई एमएलसी मिली है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने शिकायत देने से मना कर दिया है। घटना के समय परिषद के अध्यक्ष भी वहां मौजूद थे।