कर्नाटक : किडनैपर्स को दिया चकमा, मरने का किया नाटक तो बच गई जान

Karnataka-Kidnapper

नई दिल्ली : योग और मेडिटेशन का जीवन में कितना महत्व हो सकता है। क्या मेडिटेशन और योग इतना कारगर हो सकता है कि कोई व्यक्ति किडनैपर्स को चकमा देने के लिए अपनी सांसों को रोक ले और किडनैपर्स उसे मरा हुआ समझकर छोड़ जाएं।

सुनने में अजीब लगता है लेकिन ऐसा एक मामला कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में देखने को मिला है। दरअसल यहां योग सिखाने वाली एक शिक्षिका को चार सुपारी किलरों ने कथित तौर पर अगवा कर लिया और उसके साथ मारपीट भी की गई।

इस दौरान जब महिला की सांसें अचानक रुक गईं तो किडनैपर्स महिला को मरा हुआ समझकर उसे जंगल में फेंक कर फरार हो गए। घटना 24 अक्तूबर की है। गुरुवार को इस मामले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद यह मामला सामने आया।

बता दें कि रेस्क्यू किए जाने के बाद पीड़िता ने पुलिस को बताया कि हमले में अचेत होने के बाद योग की मदद से उसने मृत होने का नाटक किया, जिससे उसकी जान बच गई। महिला को जब आरोपी जंगल में फेंककर भाग गए, तब जाकर महिला ने डिब्बरबल्ली के कुछ लोगों से मदद ली और पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। चिक्कबल्लापुर के पुलिस अधीक्षक कुशाल चौकसे ने बताया कि योग शिक्षिका का अपने पति के साथ तनावपूर्ण संबंध था।

इनके दो बच्चे हैं और वे बेंगलुरू के कृष्णराजपुरम के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पति का दोस्त संतोष भी कृष्णराजपुरम का ही रहने वाला है। अपने पति के साथ रिश्तों में तनाव के चलते पीड़िता और पति के दोस्त संतोष के बीच दोस्ती बढ़ने लगी।

इस बात को लेकर संतोष और उसकी पत्नी बिंदु के बीच अक्सर झगड़ा होने लगा। इससे परेशान होकर बिंदु ने योग टीचर को मारने की योजना बनाई। इसी कड़ी में बिंदु ने सतीश रेड्डी नाम के एक व्यक्ति से संपर्क किया, जिसके खिलाफ कुछ आपराधिक मामले दर्ज है। बिंदु ने पीड़िता को मारने के लिए उसे सुपारी दी।

बिंदु ने संतोष को कैश देने के साथ-साथ उसके बैंक खाते में पैसे भी ट्रांसफर किए। प्लान के मुताबिक रेड्डी ने कृष्णराजपुरम में अर्चना से मुलाकात की और कहा कि वह योग सीखने का इच्छुक है। कुछ दिनों के बाद दोनों की जान  पहचान हो गई। 24 अक्तूबर को एक प्रोजेक्ट दिखाने के नाम पर संतोष रेड्डी, पीड़िता को अपनी कार में चिक्कबल्लापुर के पास ले गया और तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसपर हमला कर दिया।

इस हमले में पीड़िता बेहोश हो गई और उसने जानबूझकर मरने का नाटक किया। संतोष और उसके सहयोगियों को लगा कि वह मर गई है। इसके बाद रेड्डी और उसके दोस्तों ने उसके पहने हुए गहने उतार दिए और उसे डिब्बरहल्ली के जंगल में एक गड्ढे में फेंककर वहां से चले गए। उनके जाने के बाद बिंदु ने स्थानीय लोगों से मदद मांगी और वहां से निकलकर पुलिस स्टेशन पहुंची और शिकायत दर्ज कराई।

स्पेशल टीम ने जांच करते हुए किडनैपिंग में इस्तेमाल की घई कार को बरामद कर लिया है। साथ ही संतोष रेड्डी और उसके बाकी सहयोगियों नागेंद्र रेड्डी, रमना रेड्डी और रवि कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि संतोष रेड्डी ने कहा कि बिंदु ने पीड़िता को मारने की सुपारी दी थी। इसी आधार पर बिंदु को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।