नई दिल्ली : दो पैन कार्ड केस में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम और आजम खां को सात-सात साल की सजा सुनाई है। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले बडे़ बेटे अदीब ने पिता आजम का गाल चूमा और भाई को गले लगाया। उधर, वादी विधायक आकाश सक्सेना ने इसक न्याय की जीत बताया है।
दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया तो वहां का माहौल एकदम बदल गया। फैसला सुनते ही दोनों कुछ क्षणों तक एक-दूसरे को देखते रह गए। चेहरे पर तनाव और भविष्य की चिंता साफ झलक रही थी। जेल जाने से पहले बड़े बेटे अदीब ने आजम खां का गला चूमा और भाई अब्दुल्ला को गले लगाया।
दोपहर बाद कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आजम खां और अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की कैद और 50–50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। इसके बाद दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जिला जेल भेज दिया गया। यह मामला 2019 में गंज थाने में दर्ज हुआ था। जब शहर विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम पर दो जन्म प्रमाणपत्र रखने का आरोप लगाया था।
उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि एक लखनऊ नगर निगम का और दूसरा रामपुर नगरपालिका परिषद से बनाया गया है। विवेचना के बाद पुलिस ने आजम खां, अब्दुल्ला और पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई एमपी-एमएलए विशेष न्यायाधीश शोभित बंसल की अदालत में चल रही थी।
रामपुर जिला जेल : मंगलवार दोपहर अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया और कुछ देर बाद सजा का एलान कर दिया। फैसले के समय वादी और भाजपा विधायक आकाश सक्सेना भी कोर्ट में मौजूद रहे। उनके कोर्टरूम में प्रवेश करते ही उनकी नजर आजम खां और अब्दुल्ला से मिली। बाहर निकलकर विधायक आकाश सक्सेना ने फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताया।
हाईकोर्ट ने विधायकी की थी निरस्त : सपा नेता आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से दस बार विधायक रहे चुके हैं। वो प्रदेश में चार बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा को 2019 में रामपुर संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे और एक बार वो राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने पुत्र अब्दुल्ला को उन्होंने 2017 में विधायक तो बनवा दिया लेकिन उम्र के विवाद में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी।
