DeepSeek AI : जर्मनी ने Google और Apple को ऐप हटाने का दिया आदेश

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नई दिल्ली : चीन के AI मॉडल DeepSeek की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जर्मनी में डेटा प्राइवेसी को लेकर गहरी चिंता के बाद Google और Apple को उनके एप स्टोर से DeepSeek का R1 एप हटाने का आदेश दिया गया है। यह AI एप ChatGPT और Google के Gemini AI का सीधा प्रतिस्पर्धी है। आरोप है कि DeepSeek अपने यूजर्स का डेटा चीन के सर्वर पर भेज रहा है, जिससे दुनिया के कई देशों में यूजर्स की गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ गई है।

जर्मनी यूरोप का नया देश बन गया है जिसने DeepSeek के खिलाफ कार्रवाई की है। जर्मन प्राधिकरणों ने गूगल प्ले-स्टोर और Apple एप स्टोर से इस एप को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसका मुख्य कारण यूरोप के कड़े डेटा संरक्षण कानून (GDPR) हैं, जो यूजर्स की गोपनीयता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। यही वजह है कि Meta जैसी कंपनियों को भी यूरोप में अपने विज्ञापन मॉडल में बदलाव करना पड़ा।

इंस्टाग्राम और फेसबुक को टारगेटेड विज्ञापन दिखाने से रोका गया है। यूजर्स को यदि विज्ञापन नहीं देखना है, तो उन्हें इन सेवाओं के लिए भुगतान करना पड़ता है। DeepSeek पर आरोप है कि यह स्पष्ट नहीं है कि यूजर्स का डेटा चीन में कैसे प्रबंधित किया जा रहा है और किसे इस डेटा तक अधिकृत पहुंच है। यह यूरोपीय देशों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

जर्मनी की कार्रवाई के बाद यह आशंका है कि अन्य यूरोपीय देश भी इसी रास्ते पर चल सकते हैं। यदि DeepSeek ने अपनी डेटा शेयरिंग नीतियों में सुधार नहीं किया तो उसे यूरोप समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल यह एप केवल चीन तक ही सीमित होता जा रहा है।

इन मुश्किलों के बीच DeepSeek जल्द ही अपना नया R2 AI मॉडल लॉन्च करने वाला है। चीन से आई रिपोर्ट्स के मुताबिक यह नया मॉडल ChatGPT 4o से सस्ता और बेहतर होगा। R1 और V3 मॉडल्स ने पहले ही अपनी क्षमताओं को दिखाया है और माना जा रहा है कि R2 मॉडल रीजनिंग यानी तर्कशक्ति के मामले में काफी आगे होगा। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध भी इस पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभा सकता है क्योंकि चीन अब अपना खुद का AI साम्राज्य बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।