नई दिल्ली : YouTube ने अपने पार्टनर प्रोग्राम के नियमों में 15 जुलाई से बड़ा बदलाव लागू कर दिया है। अब प्लेटफॉर्म पर कमाई के लिए सिर्फ सब्सक्राइबर और व्यूज होना ही काफी नहीं रहेगा। अब कंटेंट की मौलिकता और गुणवत्ता भी अहम होगी।
दरअसल, YouTube पर बीते कुछ महीनों में AI आधारित और दोहराव वाले वीडियो कंटेंट की बाढ़ आ गई है। कई चैनल ऐसे हैं जो सिर्फ स्टॉक इमेज या वीडियो क्लिप पर AI वॉइसओवर लगाकर वीडियो तैयार कर रहे हैं। YouTube का मानना है कि इस तरह का कंटेंट न केवल कम गुणवत्ता का होता है, बल्कि यह असली और मेहनती क्रिएटर्स के लिए नुकसानदेह भी है।
नए नियमों के तहत अगर कोई कंटेंट रिपिटेटिव, इनऑथेंटिक या AI से जनरेटेड है, तो उस पर मिलने वाले विज्ञापनों से आय घटा दी जाएगी। यहां तक कि ऐसे चैनलों को YouTube के मोनेटाइजेशन प्रोग्राम से बाहर भी किया जा सकता है।
पहले यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम, यानी YPP में शामिल होने के लिए 1,000 सब्सक्राइबर्स और 4,000 घंटे वॉच टाइम (या 90 दिनों में 1 करोड़ शॉर्ट्स व्यूज) की जरूरत होती थी। लेकिन अब इसके साथ-साथ यह भी देखा जाएगा कि कंटेंट यूनिक है या नहीं।
इस बदलाव से खास तौर पर वो यूट्यूब चैनल प्रभावित होंगे जो इंटरनेट से उठाई गई जानकारी को बिना एडिट किए या किसी भी फोटोज/क्लिप पर वॉइसओवर चिपकाकर लगातार वीडियो अपलोड कर रहे हैं। ऐसे चैनलों की आय में गिरावट आ सकती है या फिर उनका मोनेटाइजेशन पूरी तरह बंद भी हो सकता है।