रांची : झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को राजधानी रांची में अर्धनग्न होकर जोरदार प्रदर्शन किया। राज्य सरकार के खिलाफ हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा लगातार आश्वासन दिए जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अब तक समायोजित नहीं किया गया है और न ही उन्हें सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में 60 से 62 वर्ष की आयु तक सभी कर्मचारियों को स्थायी नौकरी देना शामिल है। इसके अलावा उन्हें पूर्ववर्ती श्रेणी के अनुसार कुशल और अर्द्धकुशल का वेतनमान प्रदान किया जाए।
कर्मचारी संघ की ओर से यह भी मांग की गई है कि सभी कर्मियों को नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत लाकर उनका वेतन भुगतान एवं स्थायीकरण किया जाए। साथ ही, पूर्ववर्ती कंपनी का बकाया वेतन और ग्रेच्युटी भी जल्द से जल्द दिया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य में कई पुराने एंबुलेंस अब जर्जर हालत में हैं, जिन्हें हटाकर नई एंबुलेंस उपलब्ध कराई जानी चाहिए या मरम्मत की व्यवस्था की जानी चाहिए।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि फरवरी और मार्च माह में कर्मचारियों के वेतन से जो कटौती की गई थी, उसका अब तक भुगतान नहीं हुआ है। इसके अलावा ऑफ रोड सेवा देने वाले एंबुलेंस कर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों ने MEPF, ESIC, बीमा और जॉइनिंग लेटर की व्यवस्था की मांग भी की है।
नीरज तिवारी ने बताया कि संघ का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, श्रम नियोजन मंत्री संजय प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, श्रमायुक्त और सहायक श्रमायुक्त से मुलाकात कर चुका है। इन सभी से मुलाकात के दौरान कर्मचारी संघ ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया था और उनकी ओर से मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।
नीरज तिवारी ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द नहीं माना, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने कहा, “आज हम अर्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम आत्मदाह जैसा कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।”
इस आंदोलन में प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी के साथ कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश कुमार, प्रदेश सचिव मृत्युंजय कुमार, कोषाध्यक्ष कुणाल बनर्जी, उपाध्यक्ष रविकांत देव, रूपेश कुमार, जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार, जिला सचिव रवींद्र शर्मा सहित कई अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।