नई दिल्ली : भारत में बहने वाली गंगा नदी की तरह ही, ऑस्टिन स्थित Texas University ने, मंगल ग्रह पर मौजूद बहुत बड़ी और पुरानी नदी प्रणालियों का नक्शा बनाया है. इससे वैज्ञानिकों को मंगल के प्राचीन जल नेटवर्क के बारे में नई बातें पता चली हैं. उनका यह नया अध्ययन PNAS नाम की पत्रिका में छपा है. उन्होंने 16 बड़ी नई नदी घाटियों की पहचान की है. यह पहली बार है कि मंगल ग्रह की इतनी बड़ी जल निकासी प्रणालियों का पूरा नक्शा तैयार किया गया है. इन खोजों से उन जगहों के बारे में पता चलता है जहां पहले जीवन की संभावना सबसे अधिक रही होगी.
अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर बारिश होती थी जिस वजह से घाटियां और नदियां बन गईं. यह पानी बहकर बड़ी घाटियों और शायद बहुत बड़े पुराने महासागरों तक पहुंचता था. पानी की इस प्रणालियों ने ऐसा माहौल बनाया जो धरती पर जीवन से भरा होता है जैसे कि अमेजन नदी का इलाका. ये बड़ी जल प्रणालियां संभावित मंगल ग्रह के जीवन के लिए एक जन्मस्थान का काम कर सकती थीं.
इन मैप को बनाने का काम यूटी जैक्सन स्कूल ऑफ जियोसाइंसेज के सहायक प्रोफेसर टिमोथी ए. गौडगे और पोस्टडॉक्टरल फेलो अब्दुल्ला एक.जकी ने किया. उन्होंने पहले से मौजूद मंगल ग्रह की घाटियों, झीलों और नदियों के डेटा को एक साथ मिलाया. ऐसा करके उन्होंने पूरे ग्रह के पानी के बहाव के रास्ते का पूरा नक्शा तैयार किया.
वैज्ञानिकों ने 19 प्रमुख समूह खोजे जिसमें घाटियां, नदियां झीलें और जमा हुई मिट्टी शामिल हैं. इनमें से 16 समूहों का जलग्रहण इलाका 1 लाख वर्ग किमी से भी बड़ा था. यह आकार लगभग धरती पर मौजूद बड़ी नदी घाटियों जितना ही है. अब्दुल्ला एक.जकी ने कहा, ‘हमने सबसे आसान काम किया जो किया जा सकता था और हमने बस उनका नक्शा बनाया और उन्हें एक साथ जोड़ दिया’.
धरती पर इतनी बड़ी बेसिन का होना आम बात है. धरती पर 91 पानी इकट्ठा करने वाले क्षेत्र हैं जिसमें 62 लाख वर्ग किमी का अमेजन नदी बेसिन भी शामिल है जो बहुत बड़ा है. लेकिन इसके उलट मंगल ग्रह पर कम बड़े दल निकासी प्रणालियां हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका कारण यह है कि मंगल ग्रह पर अलग-अलग तरह की जमीन बनाती है जिससे बड़ी नदी प्रणालियों को सहारा मिलता है. मंगल ग्रह पर यह गतिविधि नहीं है इसलिए वहां कम बड़ी नदियां हैं.
मंगल ग्रह पर ये बड़ी नदी प्रणालियां उसके पुराने भूभाह का सिर्फ 5% हिस्सा ही कवर करती हैं. लेकिन, वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्रह पर नदियों से जो मिट्टी और तलछट जमा हुई है उसका लगभग 42% हिस्सा इन्हीं 16 बड़ी प्रणालियों से आया है. जकी ने कहा, तलछट में महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं इसलिए यह जानने के लिए और शोध करना होगा कि तलछट आखिर कहां जाकर जमा हुई.
ये सभी छोटी प्रणालियां भी जीवन के लिए सही जगह हो सकती हैं. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ये 16 बड़े जल निकासी क्षेत्र ही मंगल ग्रह पर जीवन खोजने के लिए भविष्य के अध्ययन के सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी स्थान हो सकते हैं. गौडगे ने कहा, भविष्य के मिशनों के लिए और यह सोचने के लिए कि आप जीवन की तलाश में कहां जा सकते हैं, यह नक्शा बहुत ही महत्वपूर्ण हैं.
