दिल्ली : सीबीआई अधिकारी बनकर बिल्डर के घर 2.30 करोड़ की डकैती, महिला समेत दो गिरफ्तार

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नई दिल्ली : शाहदरा जिले के विवेक विहार इलाके में खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर बदमाशों ने बिल्डर के यहां करोड़ों की डकैती डाली। दो कारों में सवार होकर आए बदमाशों ने बिल्डर के दोस्त रवि शंकर और कर्मचारी दीपक महेश्वरी को बंधक बना लिया। आरोपियों ने इनकी पिटाई कर 2.30 करोड़ की रकम लूट ली।

बाद में दोनों को अगवा कर अपने साथ ले गए। आरोपियों ने रवि शंकर को सीमापुरी इलाके में कार से उतार दिया। वहीं कर्मचारी दीपक को निगमबोध घाट, जमना बाजार उतारकर फरार हो गए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले में एक महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर 1.08 करोड़ रुपये बरामद कर लिए हैं।

आरोपियों की पहचान असम निवासी महिला पापोरी बरुआ और तुगलकाबाद, दिल्ली नवासी दीपक के रूप में हुई है। पुलिस इनके बाकी साथियों की तलाश कर रही है। कई टीमों को आरोपियों की तलाश में भेजा गया है। पापोरी साकेत स्थित एक एनजीओ की सचिव बताई जा रही है। बाकी आरोपियों की भी पहचान कर ली गई है।

शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि इंदिरापुरम, गाजियाबाद निवासी मनप्रीत ने बुधवार को विवेक विहार थाने में डकैती की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि इनका प्रॉपर्टी के अलावा फाइनेंस, बिल्डर व अन्य कारोबार है। अपने काम के लिए इन्होंने विवेक विहार इलाके में एक कोठी किराए पर ली हुई है।

पिछले 6-7 महीने में इन्होंने अपने कारोबार से करीब 2.50 करोड़ रुपये कमाए थे। रकम इनके विवेक विहार स्थित घर पर रखी थी। यहां इनका कर्मचारी दीपक रहता है। मंगलवार शाम के समय इन्होंने अपने दोस्त रवि शंकर को घर से 1.10 करोड़ रुपये इंदिरापुरम के घर लेने के लिए भेजा। रवि अपनी बाइक से वहां पहुंचा और रकम लेकर घर से निकला। तभी दो कार सवार सात-आठ लोगों ने रवि को घेर लिया।

वह खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर रवि को पीटने लगे। वह जबरन रवि को विवेक विहार स्थित घर ले गए। वहां दीपक को भी बंधक बनाकर 2.30 करोड़ की रकम लूट ली। इसके बाद आरोपी दोनों को अगवा कर ले गए। रास्ते में किसी को कुछ न बताने की बात कर उनको छोड़कर वह फरार हो गए।

सीबीआई की बात सुनकर मनप्रीत ने भी डर की वजह से कॉल नहीं की। अगले दिन वह हिम्मत जुटाकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने जांच की। सीसीटीवी नंबर के आधार पर पुलिस ने दोनों कारों की पहचान की। इसके बाद टीम फरीदाबाद में उनके मालिकों और चालक तक पहुंची। पता चला कि दोनों कारों को साकेत की एक एनजीओ ने किराए पर मंगवाया था।

टीम साकेत एनजीओ के दफ्तर पहुंची और वहां से पापोरी बरुआ और बाद में तुगलकाबाद से एक अन्य दीपक को दबोच लिया गया। इनके पास से एक करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की। बाकी रकम इनके साथी लेकर फरार हैं। पुलिस की आधा दर्जन टीमें उनकी तलाश कर रही हैं। सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है।