रोहतास : बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। केंद्रीय चयन परिषद पटना द्वारा चालक सिपाही पद की भर्ती के लिए बुधवार को आयोजित लिखित परीक्षा के दौरान जिले के इंद्रपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत डीएवी पब्लिक स्कूल कटार केंद्र पर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पुलिस ने परीक्षा के दौरान ही फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद परीक्षा माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
गिरफ्तार फर्जी मजिस्ट्रेट ने परीक्षा से एक दिन पहले ही केंद्र सुपरवाइजर को जिला गोपनीय शाखा का फर्जी पत्र दिखाकर अपना योगदान दर्ज कराया। खुद को पटना सचिवालय का वरीय कोषागार पदाधिकारी बताते हुए उसने दावा किया कि चयन परिषद ने उसे औचक निरीक्षण के लिए भेजा है। इस दौरान उसने परीक्षा केंद्र की व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।
बुधवार को परीक्षा के दौरान वही फर्जी मजिस्ट्रेट निरीक्षण के लिए केंद्र पर पहुंचा और एक परीक्षार्थी को खराब एटीट्यूड का हवाला देते हुए हाल से बाहर ले गया। काफी देर बाद भी दोनों नहीं लौटे तो निरीक्षक उन्हें खोजने लगे। तभी परीक्षार्थी हाथ में भरी हुई ओएमआर शीट लेकर हाल में लौटा और बताया कि मजिस्ट्रेट ने सिर्फ डांटकर छोड़ दिया। निरीक्षक ने पाया कि बाहर ले जाते समय परीक्षार्थी की ओएमआर शीट पूरी तरह खाली थी, जबकि लौटने पर पूरी भरी हुई थी।
फर्जीवाड़े का संदेह होते ही निरीक्षक ने डेहरी एसडीएम और एएसपी को इसकी सूचना दी। दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचे और मजिस्ट्रेट व परीक्षार्थी को हिरासत में ले लिया। जांच में उनके परिचय पत्र और योगदान पत्र फर्जी पाए गए। पुलिस ने जिला प्रशासन का बोर्ड लगे वाहन में बैठे प्रश्नपत्र हल करने वाले युवक और चालक को भी गिरफ्तार किया, जो जहानाबाद के निवासी बताए जा रहे हैं।
एएसपी अतुलेश झा ने गुरुवार को बताया कि फर्जी मजिस्ट्रेट ने स्वीकार किया है कि पैसों के बदले परीक्षार्थी की मदद के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया था। उसने गोलू नामक व्यक्ति का नाम भी लिया है, जिसे इस रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। पुलिस ने चार मोबाइल फोन और सभी फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। पिछली घटनाओं से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है।
यह घटना बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर और वाहन पर प्रशासन का बोर्ड लगाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की इस क्षमता ने पुलिस-प्रशासन को भी हैरान कर दिया है। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अन्य परीक्षाओं में संभावित फर्जीवाड़े की भी जांच की जा रही है।
