नई दिल्ली : चीन दुनिया का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल आईलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रहा है। इस हवाई अड्डे का निर्माण डालियान शहर के पास समुद्र में किया जा रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, डालियान जिनझोउवान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूदा डालियान झोउशुइजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की जगह लेने के लिए तैयार है, जो जगह की कमी के कारण यात्री यातायात बढ़ने की वजह से संघर्ष का सामना कर रहा है।
लगभग 20.9 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला कृत्रिम द्वीप हवाई अड्डा साइड के मामले में विश्व स्तर पर अन्य समान परियोजनाओं को पार कर जाएगा। यह हवाई अड्डा हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (12.48 वर्ग किमी) और कंसाई हवाई अड्डे (10.5 वर्ग किमी) से भी बड़ा होगा, ये दोनों कृत्रिम द्वीपों पर भी स्थित हैं।
यह दोनों हवाई अड्डा भी कृत्रिम यानी मानव निर्मित द्वीपों पर बनाया गया है। एविएशन कंसल्टेंसी के संस्थापक ली हनमिंग ने कहा, ‘डालियान के लोगों का कहना है कि यह सबसे बड़ा है। हां, यह बिल्कुल वैसा ही है।’
रणनीतिक रूप से जापान और दक्षिण कोरिया के पास स्थित, डालियान का हलचल भरा बंदरगाह शहर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर आधारित है। 6 मिलियन से अधिक की आबादी के साथ, यह शहर तेल रिफाइनरियों, शिपिंग, रसद और तटीय पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है।
काउंसिल ने कहा कि जिनझोउवान हवाई अड्डे पर 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी और यह 2035 तक बनकर तैयार हो जाएगा। प्रांतीय सरकार की वेबसाइट के ‘, अगले साल अगस्त तक 77,000 वर्ग मीटर के पुनर्ग्रहण क्षेत्र पर ‘गहरी नींव का निर्माण’ पूरा हो चुका है। इसमें कहा गया है कि वे उस महीने भूमि अधिग्रहण और टर्मिनल भवन की नींव रखने की योजना बना रहे हैं।
इस एयरपोर्ट की एनुअल पैसेंजर कैपेसिटी 8 करोड़ होगी। यह मॉडर्न डिजाइन और स्मार्ट तकनीकों के इस्तेमाल से यात्रियों को सुविधाजनक अनुभव प्रदान करेगा। वहीं एयरपोर्ट एक आर्टिफिशियल आइलैंड पर बनाया जाएगा, जो समुद्र के ऊपर एक अत्याधुनिक संरचना होगी। इस प्रोजेक्ट में समुद्र के पानी को बाहर निकालकर बड़े पैमाने पर लैंड का निर्माण किया जाएगा।