यूपी : विधानसभा में अभद्रता पर सपा विधायक अतुल प्रधान पूरे सत्र से निष्कासित

Atul-Pradhan

लखनऊ : विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर सत्तापक्ष व विपक्ष में तीखी नोक झोंक हुई। सपा सदस्यों ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर निशाना साधा तो उन्होंने भी करारा जवाब दिया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के खिलाफ असंसदीय नारे भी लगाने लगे। मना करने के बाद भी नारेबाजी करते रहने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया। अध्यक्ष के आदेश पर मार्शल विधायक को उठाकर सदन से बाहर ले गए।

दरअसल, विधानसभा में सपा सदस्यों ने झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में नवजात शिशुओं की मौत और निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों से जुड़े मुद्दे उठाए। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जवाब देने के लिए खड़े हुए तो सपा सदस्यों ने टीका टिप्पणी शुरू कर दी। सपा विधायकों ने सवाल उठाते समय उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे सीधा जवाब देने के बजाय आक्रोशित हो जाते हैं।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि सदस्यों को यह पता होना चाहिए कि पीएचसी में इमरजेंसी नहीं होती है। उन्होंने सदन को गुमराह करने की बात कही और नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके भी इस पर हस्ताक्षर हैं। सपा सदस्यों ने फिर टिप्पणी की तो उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आप भाला फेकेंगे और हम क्या रबर की गोलियां भी नहीं चलाएं?

इसी बीच सपा विधायक महबूब अली ने उन्हें टोका तो चुटकी लेते हुए कहा कि अभी दवा ले लिए हैं क्या? इस पर सपा सदस्यों ने उप मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप और असंसदीय शब्दों का प्रयोग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। वे सदन से बहिर्गमन कर गए। कुछ देर बाद लौटे और बेल में धरना शुरू कर दिया। शोर शराबे के बीच उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य विभाग की उपलब्धियां बताते रहें।

हंगामे के बीच सपा विधायक अतुल प्रधान ने फिर टिप्पणी की तो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पहले समझाया और शांत होने का निर्देश दिया। वह नहीं माने तो उन्हें पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने मार्शल को आदेश देते हुए कहा कि उठाकर बाहर फेंक दो। यहां तक कहा कि आपकी विधायकी खत्म करवा दूंगा। ऐसे में पांच मार्शल आए और विधायक को उठाकर बाहर ले गए।

विधानसभा में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा किया कि जिस दिन 403 में एक भी विधायक मेरे प्रति अविश्वास जताएगा तो मैं उसी दिन पद छोड़ दूंगा। महाना ने कहा कि जब तक मैं इस पीठ पर बैठा हूं, तब तक सदन नियम से चलेगा। कोई सदस्य इसके विपरीत आचरण करेगा तो मैं उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं जिस जाति से आता हूं, उस जाति का कोई वोट बैंट नहीं है। दरअसल, मंगलवार को एक विधायक ने मीडिया के सामने विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था।