उज्जैन : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धर्मपत्नी कल्पना सोरेन संग महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। नंदी हॉल में रुद्रपाठ और मनोकामना व्यक्त की। बाबा महाकाल के दर्शन के बाद स्मृति चिन्ह और प्रसाद ग्रहण किया।
झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री रहने के बाद अपनी चौथी पारी की कामयाबी की कामना लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, धर्मपत्नी कल्पना सोरेन के साथ इन दिनों धार्मिक यात्रा पर हैं। दो दिनों पूर्व ही उन्होंने देवघर स्थित बाबा बैजनाथ के दरबार में पहुंचकर भगवान का पूजन अर्चन कर झारखंड की सुख समृद्धि की कामना की थी। सोमवार को वे विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने चांदी द्वार से भगवान का पूजन अर्चन किया और उसके बाद नंदी हॉल में बैठकर भगवान की भक्ति में लीन नजर आए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन जो कि वर्तमान में विधायक हैं, के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां पंडित अभिषेक शर्मा बाला गुरु, पंडित राजेश शर्मा, पंडित आकाश गुरु के द्वारा पूर्ण विधिविधान से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करवाया गया सहायक प्रशासक ने बताया कि चांदी द्वार से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करवाने के बाद मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी नंदी हॉल में बैठे जहां पंडितों द्वारा रुद्र पाठ किया गया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने नंदी जी के कानों में मनोकामना कही और फिर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके धर्मपत्नी को बाबा महाकाल का दुपट्टा स्मृति चिन्ह व प्रसादी देकर सम्मान किया गया।
बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में कई स्थानों पर फोटो खिंचवाए। इस दौरान मंदिर में उपस्थित श्रद्धालु पहले तो झारखंड के मुख्यमंत्री को पहचान नहीं पाए लेकिन बाद में उनकी सुरक्षा को देखकर जब लोगों को पता चला कि यह झारखंड के मुख्यमंत्री हैं तो काफी लोग उनसे मिलने भी पहुंचे।
झारखंड अपनी सरकारों की अस्थिरता को लेकर देश भर में चर्चा में बना रहता है। 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होने के बाद झारखंड राज्य का गठन हुआ था। लगभग 24 वर्षों में इस राज्य के राजनीतिक सफर की बात की जाए तो अब तक यहां पर काफी प्रयोग हुए, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।